कोरोना वायरस से आज पूरा विश्व लड़ाई लड़ रहा है। भारत में भी कोरोना वायरस का लगातार तेजी से प्रसार हो रहा है देश में रोज कोविड-19 संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। एक और जहां आम नागरिक इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इस महामारी का इलाज कर रहे डॉक्टर भी इसकी चपेट में आ रहे हैं यहां तक की नागरिकों की सुरक्षा में लगे सुरक्षा बल भी इस वायरस से बच नहीं पाए।
एक आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और दो अन्य बल में अब तक 1,600 से अधिक कर्मी कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं और इन बलों में स्वस्थ होने की दर 70 फीसदी है। एक अन्य आंकड़ों के अनुसार, छह जून तक भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में स्वस्थ होने की दर सबसे अधिक 87.89 फीसदी रही। इसके बाद 82.94 फीसदी के साथ ही सीमा सुरक्षा बल स्वस्थ होने दर की अनुसार दूसरे स्थान पर है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सीएपीएफ के अंतर्गत आने वाले पांच बल और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के साथ ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 1,668 कर्मी महामारी के दौरान अब तक संक्रमित पाए गए हैं। बल में संक्रमण का सबसे पहला मामला 28 मार्च को सामने आया था। आंकड़ों का हवाला देते हुए एक अधिकारी ने कहा, ” सीएपीएफ और दो अन्य बलों में छह जून तक के उपलब्ध संक्रमण के आंकड़े दर्शाते हैं कि बलों के कर्मियों में स्वस्थ होने की दर करीब 70 फीसदी है।”
आंकड़ों के मुताबिक, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में स्वस्थ होने की दर 68.86 फीसदी जबकि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में यह दर 58.92 फीसदी रही। इसके मुताबिक, छह जून तक 1,668 कर्मियों में से 1,157 ठीक हुए और 511 कर्मियों का कोविड-19 के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, छह जून तक 10 कर्मियों की इस घातक वायरस से मौत हुई।