रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंत्रालय और उसके विभिन्न घटकों द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए किये जा रहे उपायों की आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये समीक्षा की। श्री सिंह ने विभिन्न संगठनों और रक्षा उपक्रमों की क्वारंटाइन स्थलों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने और चिकित्सा अनुसंधान एवं अन्य उत्पादनों, सैनिटाइजर, मास्क और वैयक्तिक सुरक्षा के उपकरण (पीपीई) के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।उन्होंने संकट की इस घड़ में सभी संगठनों को अपने प्रयासों को दोगुना करने और केंद, सरकार के अन्य मंत्रालयों/संगठनों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।
चीफ आफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने बताया कि कोविड-19 से लड़ने के लिए बड़ पैमाने पर अलग से अस्पताल चिन्हित किए गए हैं और अस्पतालों में 9,000 से ज्यादा बेड उपलब्ध करवाए गए हैं। जैसलमेर, जोधपुर, चेन्नई, मानेसर, हिंडन और मुंबई में 1,000 से ज्यादा लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। नौ सेना अध्यक्ष एडमिरल कर्मबीर सिंह ने रक्षा मंत्री को बताया कि किसी भी प्रकार की आवश्यक सहायता करने के लिए नौसेना के जहाज तैयार रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि नौसेना स्थानीय सिविल प्रशासन को आवश्यक सहायता प्रदान कर रही है।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने बताया कि पिछले पांच दिनों में देश के अंदर लगभग 25 टन चिकित्सा आपूर्ति करने के लिए वायु सेना के जहाजों ने कई उड़न भरी हैं। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक सावधानियाँ सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किये जा रहे हैं। थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने रक्षा मंत्री को बताया कि आवश्यकता पड़ने पर सिविल प्रशासन को 8,500 से ज्यादा डॉक्टर और सहायक स्टाफ प्रदान कराये जा सकते हैं। श्री सिंह के पड़सी देशों को सहायता प्रदान करने के निर्देश की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर नेपाल को चिकित्सा उपकरणों की सहायता शीध, प्रदान की जा सकती है।
डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ सतीश रेड्डी ने रक्षा मंत्री को बताया कि दिल्ली पुलिस सहित सुरक्षा संस्थानों को डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं में निर्मित 50,000 लिटर से ज्यादा सेनेटाइजर की आपूर्ति की गई और इसके अलावा एक लाख लिटर से ज्यादा सेनेटाइजर की आपूर्ति पूरे देश में की गई। उन्होंने कहा कि पांच लेयर वाला नैनो तकनीक से बना मास्क एन99 युद्धस्तर पर बनाया जा रहा है। प्रतिदिन 20,000 फेश मास्क बनाए जाएंगे।
सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लैफ्टिनेंट जनरल अनुप बैनर्जी ने रक्षा मंत्री को बताया कि आवश्यक उपकरण मंगवाए गए हैं और विभिन्न अस्पतालों में भेज दिए गए हैं। सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मियों को भी स्वैच्छिक सेवा करने के लिए तैयार किया गया है। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के लगभग 25,000 कैडेटों को आवश्यक स्थानीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किया जा रहा है। रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने भी बैठक में हिस्सा लिया।