एक देश एक चुनाव पर कोविंद समिति ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

एक देश एक चुनाव पर कोविंद समिति ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट
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पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली 'एक देश एक चुनाव' (ONE NATION ONE ELECTION) समिति ने 13 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। समिति ने लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों को एक साथ कराने की सिफारिश की है। इसके साथ ही, समिति ने एक ही मतदाता सूची बनाने की भी सिफारिश की है।

Highlights  

  • एक चुनाव पर कोविंद समिति ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट  
  • चुनाव प्रणाली से चुनाव खर्च में कमी 
  • कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कही बड़ी बातें 

चुनाव प्रणाली से चुनाव खर्च में कमी

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक देश एक चुनाव प्रणाली से चुनाव खर्च में कमी आएगी, राजनीतिक स्थिरता बढ़ेगी और शासन व्यवस्था में सुधार होगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस प्रणाली को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता होगी। बता दें कि पिछले सितंबर में गठित समिति को मौजूदा संवैधानिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए संभावनाएं तलाशने और सिफारिशें करने का काम सौंपा गया था। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन।के सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भी शामिल हैं।

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कही ये बातें

1 प्रारंभ में हर दस साल में दो चुनाव होते थे। अब हर साल कई चुनाव होने लगे हैं। इससे सरकार, व्यवसायों, श्रमिकों, न्यायालयों, राजनीतिक दलों, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और बड़े पैमाने पर नागरिक समाज पर भारी बोझ पड़ता है।

2 इसलिए समिति सिफारिश करती है कि सरकार को एक साथ चुनावों के चक्र को बहाल करने के लिए कानूनी रूप से व्यवहार्य तंत्र विकसित करना चाहिए।

3 समिति की सिफारिश है कि पहले चरण में लोक सभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराए जाएं। दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव लोकसभा और राज्य विधान सभाओं के साथ समन्वित होंगे।

4 इस तरह से कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव होने के सौ दिनों के भीतर नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव हो जाएं।

5 लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने के उद्देश्य से समिति सिफारिश करती है कि भारत के राष्ट्रपति आम सभा के बाद लोकसभा की पहली बैठक की तारीख को अधिसूचना द्वारा जारी कर सकते हैं। चुनाव आयोग इस अनुच्छेद के प्रावधान को लागू करें और अधिसूचना की उस तारीख को नियुक्त तिथि कहा जाएगा।

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