राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार को हैदराबाद के बाहरी क्षेत्र में स्थित मुचिन्तल के जीवा आश्रम में श्री रामानुजाचार्य के 120 किलोग्राम वजनी स्वर्ण प्रतिमा का अनावरण किया।
इस मौके पर तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन मौजूद रहीं।स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी परिसर के आंतरिक गर्भगृह में स्थित प्रतिमा धरती पर श्री रामानुजाचार्य नश्वर जीवन काल को दर्शाती है। प्रतिमा का मुख एक भव्य ध्यान कक्ष के सामने है, जहाँ भक्त खुद को शांति से भिगो सकते हैं।
President Ram Nath Kovind graced Sri Ramanuja Sahasrabdi Samaroham and unveiled the gold statue of Sri Ramanujacharyaji in Hyderabad.
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— President of India (@rashtrapatibhvn) February 13, 2022
वर्ष 1017 में तमिलनाडु में जन्मे श्री रामानुजाचार्य सामाजिक-सांस्कृतिक, सामाजिक-आर्थिक और सामाजिक-धार्मिक समानता के प्रतीक थे। एक तमिल ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्री रामानुजाचार्य एक कट्टर वैष्णववादी संत थे। एक समाज सुधारक के नाते उन्होंने वंश, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और लिंग के आधार पर भेदभाव के नुकसान से लाखों दलित लोगों को बचाया था।
राष्ट्रपति कोविंद और प्रथम महिला सविता कोविंद बाद में यहां राजभवन पहुंचे और यहीं पर रात्रि विश्राम करेंगे। श्री कोविंद सोमवार को सुबह 10 बजे दिल्ली रवाना हो जाएंगे।