अंतरराष्ट्रीय अदालत भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने अपने फैसले में जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है और साथ ही ये भी फरमान दिया है उनको काउंसलर एक्सेस की सुविधा भी मिलेगी।
अदालत में मौजूद 16 जजों में से 15 जजों ने भारत के हक़ में फैसला दिया है। ये भारत की बड़ी जीत मानी जा रही है। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने ‘‘जबरन अपराध कबूल करने’’ के आधार पर उसे मौत की सजा सुनाई थी जिसे भारत ने चुनौती दी।
And the decision in the #Jadhav Cade is out!
ICJ has ruled in favour of India on merits, affirming Jadhav’s right to consular access and notification
The Court has directed Pakistan to provide effective review and reconsideration of his conviction and sentences pic.twitter.com/DE3dAb9eIv
— Reema Omer (@reema_omer) July 17, 2019
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के अधिकारियों से श्री जाधव से न तो संपर्क करने दिया और न ही किसी को जेल में उनसे मिलने दिया गया। श्री जाधव को वकील की सुविधा भी नहीं दी गयी जो वियना संधि का उल्लंघन है।
मामले की सुनवाई के दौरान भारत ने न्यायालय के समक्ष मजबूती से अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पाकिस्तान ने ‘गैरजिम्मेदाराना’ व्यवहार किया है तथा अंतरराष्ट्रीय संधियों और समझौतों का उल्लंघन किया है।
भारत ने पहले भी पाकिस्तान पर वियना संधि के अनुच्छेद 36(1) (बी) के उल्लंघन का आरोप लगाया था जिसके तहत पाकिस्तान को भारतीय नागरिक की गिरफ्तारी के बारे में भारत को अविलंब सूचना देनी चाहिए।
भारत ने कहा कि श्री जाधव को कथित रूप से तीन मार्च 2016 को गिरफ्तार किया गया और पाकिस्तान के विदेश सचिव ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को 25 मार्च को इस गिरफ्तारी की जानकारी दी। पाकिस्तान ने इस पर कोई सफाई भी नहीं दी कि श्री जाधव की गिरफ्तारी की जानकारी देने में तीन सप्ताह से अधिक समय क्यों लगा।
सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव (49) को ‘‘जासूसी और आतंकवाद’’ के आरोपों पर पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। उसे सजा सुनाए जाने का भारत में कड़ा विरोध हुआ था।
‘प्रेसीडेंट ऑफ द कोर्ट’ न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ सार्वजनिक सुनवाई के दौरान फैसला पढ़ा है। सुनवाई नीदरलैंड, द हेग में पीस पैलेस में बुधवार को भारतीय समयानुसार शाम साढ़े छह बजे हुई।
इस हाई प्रोफाइल मामले में फैसला आने के करीब पांच महीने पहले न्यायाधीश यूसुफ के नेतृत्व में आईसीजे की 15 सदस्यीय पीठ ने भारत और पाकिस्तान की मौखिक दलीलें सुनने के बाद 21 फरवरी को आदेश सुरक्षित रख लिया था। मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में दो साल और दो महीने का वक्त लगा।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैजल ने कहा कि पाकिस्तान ने आईसीजे के समक्ष मुकदमा पूरी तरह से लड़ा। सरकारी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान ने उनके हवाले से कहा, ‘‘पाकिस्तान अच्छे फैसले की उम्मीद कर रहा है और वह आईसीजे के फैसले को स्वीकार करेगा।’’