जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ऋषि सुनक को लेकर भारत में अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने अल्पसंख्यक मूल के एक शख्स को अपने पीएम के तौर पर स्वीकार किया। लेकिन, भारत अभी भी CAA और NRC जैसे विभाजनकारी कानूनों में उलझा हुआ है। महबूबा के इस बयान पर मशहूर कवि कुमार विश्वास ने चुटकी लेते हुए पलटवार किया।
कुमार विशवास ने ट्वीट करते हुए लिखा, “सही बात है बुआ, भारत ने तो डॉ ज़ाकिर हुसैन, श्री फखरुद्दीन अली अहमद, डॉ. मनमोहन सिंह, डॉ कलाम साहब जैसे ढेर सारे अल्पसंख्यक भारतीयों के नेतृत्व में खूब प्रगति की है अब आपको भी जम्मू कश्मीर में जबरन अल्पसंख्यक बनाए गए धर्म का मुख्यमंत्री बनाने के प्रयास प्रारम्भ करने चाहिए।”
सही बात है बुआ👍
भारत ने तो डॉ ज़ाकिर हुसैन, श्री फखरुद्दीन अली अहमद, डा मनमोहन सिंह, डॉ कलाम साहब जैसे ढेर सारे अल्पसंख्यक भारतीयों के नेतृत्व में खूब प्रगति की है अब आपको भी जम्मू कश्मीर में जबरन अल्पसंख्यक बनाए गए धर्म का मुख्यमंत्री बनाने के प्रयास प्रारम्भ करने चाहिये😍😁🇮🇳 https://t.co/eaDQnxVndb— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) October 25, 2022
दरअसल, ब्रिटैन में भारतीय मूल के ऋषि सुनक की ताजपोशी को लेकर महबूबा मुफ्ती ने तंज भरे लहजे में कहा कि गर्व का क्षण है कि UK का पहला भारतीय मूल का व्यक्ति PM होगा। यह याद रखना हमारे लिए अच्छा होगा कि ब्रिटेन ने अल्पसंख्यक मूल के एक शख्स को अपने पीएम के तौर पर स्वीकार किया है वहीं भारत अभी भी CAA और NRC जैसे विभाजनकारी कानूनों में उलझा हुआ है।
महबूबा के इस ट्वीट पर बीजेपी की ओर से भी प्रतिक्तिया सामने आई। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ऋषि सुनक के यूके के पीएम के रूप में चुने जाने के बाद भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर टिप्पणी करते हुए महबूबा मुफ्ती का ट्वीट देखा। महबूबा मुफ्ती जी! क्या आप जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगे? कृपया उत्तर देने के लिए पर्याप्त स्पष्ट रहें।
ऋषि सुनक ने रचा इतिहास
भारतीय मूल के ऋषि सुनक इतिहास रचते हुए यूके के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। सुनक ने पेनी मोरडॉन्ट को मात देते हुए जीत हासिल की है और अब प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच दिया है। इससे पहले ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए रविवार को घोषणा की कि वह कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में नहीं उतरेंगे। जिसके बाद PM रेस में सबसे आगे चल रहे ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री चुने जाने के करीब पहुंच गए।