पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है। गुरुवार को कांग्रेस ने कहा कि लद्दाख में भारतीय सीमा के भीतर हजारों चीनी सैनिकों की मौजूदगी के बारे में सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एक मई, 2020 से पहले की यथास्थिति बहाली सुनिश्चित करनी चाहिए।
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने यह आरोप भी लगाया कि चीन की सैनिकों की घुसपैठ के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयानों में विरोधाभास है। उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश कोरोना से जूझ रहा है और चीन की सेना पीछे हटने को तैयार नहीं है। लेकिन भाजपा राज्यों में कांग्रेस की सरकारों को अस्थिर करने में लगी हुई है। यह दुर्भाग्य है कि संकट के समय सत्तापक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है।’’
माकन ने दावा किया, ‘‘ऐसी खबर है कि चीनी सैनिकों के पीछे हटने की बात हुई थी, लेकिन वो हट नहीं रहे हैं। हमारी सीमा में अभी 40 हजार चीनी सैनिक मौजूद हैं 14 जुलाई को सैन्य स्तर की आखिरी बैठक के बाद अब तक चीन की पीएलए नहीं हटी है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री ने कहा कि इसकी कोई गारंटी नहीं है कि बातचीत से समाधान निकल जाए। अगर बातचीत से समाधान नहीं निकलने वाला है तो सरकार क्या कर रही है? सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या सरकार को इसका आभास है कि 40 हजार चीनी सैनिक हमारी सीमा में मौजूद हैं? इस पर सरकार की क्या योजना है? प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि चीन के सैनिक हमारी सीमा में नहीं आए, लेकिन अब सभी कह रहे हैं कि चीन के सैनिक हमारे क्षेत्र में है। क्या प्रधानमंत्री ने असत्य बोला और देश को गुमराह किया?’’ माकन ने यह भी पूछा, ‘‘रक्षा मंत्री कहते हैं कि बातचीत से मुद्दे का हल निकलने की गारंटी नहीं है।
सरकार के भीतर से ये विरोधाभासी बयान क्यों आ रहे हैं? देपसांग इलाके में चीन के निर्माण कार्य करने पर सरकार का क्या रुख है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि एक मई, 2020 को जो यथास्थिति थी वही बहाल होनी चाहिए। इसके बाद जो भी चीनी सैनिक आगे बढ़े उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए और हमारे क्षेत्र में चीनी सेना द्वारा किए गए सभी निर्माण कार्यों को हटाया जाए।’’