यहां एसडीएम ऑफिस के बाहर बुधवार को एक बीएसएफ जवान फूट-फूटकर रोने लगा। जब उसने रोते हुए ये कहा कि “मैं बॉर्डर पर कभी नहीं रोया, लेकिन सिस्टम ने मुझे रुला दिया” तो वहां मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गईं। बताया जा रहा है कि भूमाफियों और दबंगों ने इस जवान की जमीन कब्जा कर ली है जिसके बाद से ये इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहा है।
पीड़ित जवान का कहना है कि उसकी जमीन भूमाफियाओं ने कब्जा कर ली है। जगबीर ने बताया कि वह इंचौली के जलालाबाद उर्फ जलालपुर गांव के रहने वाले हैं। इनकी पत्नी सीमा सिंह के नाम खसरा नंबर 485 की जमीन है, इसी जमीन को दबंगों ने कब्जा कर लिया है।
जवान ने जब भावुक हो कर अपनी आपबीती सुनाई तो सुनने वाले कई लोग भी भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि उन्होंने विजया बैंक से 10 लाख का लोन लिया है। जिसमें से 7 लाख मकान मालिक को दे दिए और बाकी बचे पैसों से मकान बनवा रहे थे।
उन्होंने बताया कि पैसे कम पड़ने पर उसने सोचा कि गेहूं की फसल बेचकर घर बनवाएंगे लेकिन जब वह ड्यूटी पर चले तो इसी दौरान उनकी जमीन पर कब्जा हो गया। उनका कहना है कि उसके पिता बूढ़े हैं और चलने फिरने में असमर्थ हैं तो वह देश सेवा करें या भूमाफिया से लड़ें।
वही ,जवान का ये भी कहना है कि अगर उसकी जमीन से कब्जा ना हटा तो वो हिंसा का रास्ता अख्तियार कर लेगा। बीएसएफ में तैनात मेरठ के नायब सूबेदार जगबीर सिंह ने अधिकारियों और दबंगों में मिलीभगत का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इंसाफ दिलाने की मांग की है।
जगबीर ने बताया कि बुधवार को मेरठ में एसडीएम के यहां जमीन को खाली कराने की गुहार लगाई लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। जवान ने एसडीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो आरोपियों से मिले हुए हैं। इतना ही नहीं जगबीर ने एसडीएम को चोर कहकर संबोधित किया। वहीं, जिला प्रशासन का कहना है कि बीएसएफ जवान की मांग गलत हैं। जांच करा ली गई। उसके आरोप गलत हैं।
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