कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून के मुद्दे पर उद्योगपतियों की समस्या को हल करने के लिए राज्य सरकार ने भूमि सुधार कानून में बदलाव करने की योजना बनायी है।
श्री येदियुरप्पा ने दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच की अपनी यात्रा पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘मेरी यह यात्रा सफल रही और कई उद्योगपतियों के कर्नाटक में निवेश करने के वादे किये। ’’
मुख्यमंत्री ने दावोस सम्मेलन की पांच दिवसीय यात्रा के दौरान कई उद्योगपतियों से मिलने और बातचीत पर चर्चा करते हुए कहा, ‘‘इस समारोह ने हमें अपने राज्य के बारे में बताने का मौका दिया कि किस तरह यहां उद्योग के अनुकूल माहौल है।’’
उन्होंने कहा कि वह कई वैश्विक कंपनियों के अध्यक्षों से मुलाकात की जिसमें आर्सेलर मित्तल, किरलोसकर, महिंद्रा, भारत फोर्ज, 2000 वाट, जनरल इलेक्ट्रिकल, डसॉल्ट, डालमिया, लुलु ग्रुप, वोल्वो, नोवानोसडिक और डोमेको शामिल हैं। उन्होंने कहा,‘‘उद्योगपतियों से बातचीत काफी उत्साहजनक रही और कर्नाटक में माइनिंग, उर्जा, कृषि, फार्मा, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में अधिक निवेश होने की संभावना है।’’
उद्योगपतियों को जमीन खरीदने में भूमि सुधार कानून की वजह से आ रही अड़चनों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कृषि भूमि को आसान बनाने के लिए हमारे पास संशोधन लाने की योजना है। यह किसानों और उद्योग दोनों को लाभ पहुंचाएगी।’’
उन्होंने कहा,‘‘हमने उद्योग स्थापित करने के लिए भूमि प्राप्त करने के रास्ते में आ रही सभी अड़चनों को दूर करने का वादा किया है, और हमने मौजूदा कानूनों में संशोधन करके एक-दो महीने में सभी प्रशासनिक समस्याओं और अगले दो महीनों में कानूनी समस्याओं को दूर करने का वादा किया है।’’
एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ जिन योजनाओं को हाई लेवल क्लीयरेंस कमेटी से हरी झंडी मिलेगी उन्हें अपने आप डीम्ड इजाजत मिल जाएगी और वे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर देंगी।’’