राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस प्रमुख नियुक्त करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अवमानना कार्रवाई याचिका दायर करने वाले एक वकील ने अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया है।
न्यायालय ने मंगलवार को वकील एमएल शर्मा से कहा कि अगर रजिस्ट्री ने क्रमांकित किया है, तो उनकी याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। शर्मा ने कहा कि मैंने राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है।प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील से कहा कि यदि यह क्रमांकित है, तो हम इसकी सुनवाई के लिए तारीख तय करेंगे।
याचिका के अनुसार, मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के प्रमुख प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री ने संयुक्त रूप से फैसला किया तथा अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त किया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह प्रकाश सिंह मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ है। शर्मा ने अपनी याचिका में कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले के अनुसार, ‘‘डीजीपी के रूप में नियुक्ति से पहले व्यक्ति की कम से कम तीन महीने की सेवा शेष होनी चाहिए’’।
CBI में स्पेशल डायरेक्टर भी रह चुके हैं अस्थाना
1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना को 27 जुलाई को दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले हुई थी। राकेश अस्थाना वही अधिकारी हैं जिनकी निगरानी में सुशांत सिंह-रिया चक्रवर्ती ड्रग्स कनेक्शन मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई थीं। इसके पहले राकेश अस्थाना सीबीआई में स्पेशल डायरेक्टर भी रह चुके हैं और सूरत कमिश्नर रहते हुए उन्होंने आसाराम संत मामले में एक महत्वपूर्ण जांच अपनी निगरानी में शुरू करी थी, जिसमें आसाराम और उसके बेटे की गिरफ्तारी भी की गई थी।