कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर(दिल्ली-हरियाणा) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 19वें दिन भी जारी है। किसान नेता आज कानूनों के विरोध में भूख हड़ताल कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के 32 किसान यूनियन के एक दिन के अनशन के फैसले से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह भूख हड़ताल नहीं करेंगे।
सुखदेव ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी। सुखदेव ने कहा, ‘‘ हम एक दिन का अनशन नहीं करेंगे।’’ प्रदर्शनकारी किसान संघों के नेताओं ने कहा है कि वे सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे और नए कृषि कानूनों की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिये सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा।
टिकरी बॉर्डर पर कुछ प्रदर्शनकारी हाथ में पोस्टर लिए गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग करते दिखे थे। इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि ये ‘‘असामाजिक तत्व’’ किसानों की आड़ में आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं। सुखदेव ने कहा, ‘‘ हमने कुछ गलत नहीं किया। हमने केवल बृहस्पतिवार को ‘मानवाधिकार दिवस’ पर एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी।’’
सरकार ने शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे किसानों को उनके मंच के दुरुपयोग के खिलाफ सतर्क करते हुए कहा था कि कुछ ‘असामाजिक तत्वों’ के साथ-साथ ‘वामपंथी और माओवादी’ तत्वों ने आंदोलन के माहौल को खराब करने की साजिश रची, क्योंकि प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार जहां तीनों कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।