प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मोटे अनाजों को लोकप्रिय बनाने के मामले में दुनिया का नेतृत्व करना भारत के लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि इसके उपयोग से न सिर्फ पोषण बल्कि खाद्य सुरक्षा और किसानों के कल्याण को भी बल मिलता है।
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा भारत की ओर से पेश एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिए जाने के संदर्भ में आया, जिसके तहत 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ घोषित किया गया है। इस प्रस्ताव का 70 से अधिक देशों ने समर्थन किया। मोटे अनाज वर्ष को ‘अंतरराष्ट्रीय बाजरा-ज्वार’ दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
Gratitude to all the nations who initiated and co-sponsored the resolution on International Year of Millets at the @UN.
Distinguished delegates were also served delicious Millet Murukku! This is one snack I also relish and urge all of you to try it as well. pic.twitter.com/j84PyWN5l5
— Narendra Modi (@narendramodi) March 4, 2021
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मोटे अनाजों को लोकप्रिय बनाने के लिए अग्रिम मोर्चे पर जुटा भारत सम्मानित महसूस कर रहा है। मोटे अनाजों के उपभोग से पोषण के अलावा खाद्य सुरक्षा और किसानों के कल्याण को भी बल मिलता है। यह कृषि वैज्ञानिकों और स्टार्ट-अप समुदाय के लिए शोध और नवोन्मेष के द्वार भी खोलता है।’’
उन्होंने इस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रतिनिधियों को नाश्ता के रूप में प्रसिद्ध मुरुक्कू पेश किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा अल्पाहार जिसे मैं भी बहुत पसंद करता हूं और आप सभी से आग्रह करता हूं कि इसे एक बार जरूर आजमाएं।’’ मोटे अनाजों में ज्वार, बाजरा और रागी आते हैं और इन्हें पौष्टिक अनाज माना जाता है।