वामपंथी पार्टियों से संबद्ध 100 से ज्यादा संगठन राफेल सौदे में हुए कथित घोटाले को “उजागर” करने के लिए संयुक्त रूप से 22 अक्टूबर से देश भर में हफ्ते भर चलने वाला विरोध प्रदर्शन शुरु करेंगे।
ये संगठन राफेल सौदे में “भ्रष्टाचार को उजागर’ करने की जांच के लिए ‘जन एकता जन अधिकार आंदोलन’ (जेईजेए) के दौरान संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के इस्तीफे की मांग करेंगे।
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इस आंदोलन के समन्वयक और माकपा के पूर्व सांसद हन्नान मुल्ला ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राफेल सौदा देश का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है।
हफ्ते भर चलने वाले आंदोलन के दौरान देशभर में जिला स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे और धरना दिया जाएगा।