अभिभावक संगठनों ने सीबीएसई से 10वीं व 12वीं कक्षा के तीन लाख से अधिक गरीब छात्रों की एग्जामिनेशन फीस माफ करने की अपील की है। ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (एआईपीए) ने इस विषय पर सीबीएसई से संपर्क किया है। एआईपीए का कहना है कि गरीब छात्रों की स्थिति को देखते हुए सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा फीस और कक्षा 9 और 11 के छात्रों से लिए जाने वाला पंजीकरण शुल्क माफ करें।
एआईपीए के अध्यक्ष व सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि सीबीएसई को लिखे अपने पत्र में एआईपीए ने कहा है कि बहुत से अभिभावक मौजूदा स्थिति में अपने बच्चों की पढ़ाई छुड़वाने के लिए विवश हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में इन बच्चों से शुल्क वसूला जाना क्रूरता होगा। महामारी में इस समय इस तरह का शुल्क लेना अनैतिक एवं असंवेदनशील है। इसलिए हम सीबीएसई से अपील करते हैं कि इन गरीब छात्रों से लिए जाने वाला पंजीकरण और परीक्षा शुल्क शीघ्र अति शीघ्र माफ किया जाए।
अशोक अग्रवाल ने कहा कि हमारे पास ऐसे लगभग 3,15,000 छात्र हैं। इन छात्रों की मदद के लिए ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से अपील भी जारी की गई है। एआईपीए के मुताबिक वित्तीय संकट और माता-पिता की नौकरी छूटने के कारण, दसवीं और बारहवीं कक्षा के लगभग 3 लाख छात्र ऐसे हैं जो बोर्ड परीक्षा शुल्क का भुगतान करने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं।
उन्होंने सीबीएसई को लिखे पत्र में कहा कि विगत वर्ष अभिभावकों को बोर्ड परीक्षा की पूरी फीस देनी पड़ी थी। बाद में बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षा रद्द कर दी थी। परीक्षा रद्द होने के बाद भी छात्रों से ली गई फीस वापस नहीं की गई। ऐसे में अब इन तीन लाख गरीब छात्रों के हितों को देखते हुए उनकी फीस माफ की जाए। अशोक अग्रवाल के मुताबिक ऐसे बच्चों की बोर्ड फीस सीधे स्कूल में जमा कराने की कोशिश भी की जा रही है।
10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की औसत बोर्ड फीस लगभग 2500 रुपये प्रति छात्र है। एआईपीए के मुताबिक जो लोग गरीब छात्रों की सीबीएसई परीक्षा शुल्क का भुगतान करके दिल्ली के दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों की आर्थिक रूप से मदद करने में सक्षम हैं, वे पास के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल से संपर्क कर सकते हैं। सरकारी स्कूलों में सीधे परीक्षा शुल्क का भुगतान किया जा सकता है।
गौरतलब है कि प्रथम चरण की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं नवंबर व दिसंबर महीने में ली जाएंगी। 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा से पहले सीबीएसई ने भी कोरोना से प्रभावित छात्रों को राहत देने की योजना बनाई है। सीबीएसई के मुताबिक कोविड-19 महामारी के कारण जिन छात्रों के माता पिता की मृत्यु हो गई है, ऐसे छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा की फीस माफ कर दी गई है।
सीबीएसई बोर्ड के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण जिन छात्रों के कानूनी अभिभावक की मृत्यु हुई है, उनसे भी बोर्ड परीक्षा की फीस नहीं ली जाएगी। सीबीएसई बोर्ड ने ऐसे सभी छात्रों की रजिस्ट्रेशन फीस भी माफ करने का निर्णय लिया है।