संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के संबंध में गिरफ्तार किए गए किसानों की बिना शर्त रिहाई और उनके खिलाफ दर्ज झूठे मामलों को वापस लेने की मांग की। एसकेएम ने चिट्ठी में यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को कथित रूप से पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों द्वारा भेजे जा रहे नोटिसों के सिलसिले को भी रोका जाना चाहिए।
एसकेएम में प्रदर्शन कर रहे किसानों के कई संघ शामिल हैं। एसकेएम ने कहा, संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले, किसान पिछले तीन महीनों से दिल्ली के आसपास धरना दे रहे हैं, लेकिन भारत सरकार और कई राज्य सरकारों ने सैकड़ों किसानों और आंदोलन का समर्थन करने वालों को जेलों में डाल दिया है और उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं।
उसने पत्र में कहा, बेगुनाह किसानों को जेलों से बिना किसी शर्त के रिहा किया जाए। प्रदर्शनकारी किसान संघों ने दमन प्रतिरोध दिवस के हिस्से के तौर पर राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। इस बीच एसकेएम ने जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की जेल से रिहाई का स्वागत किया है।
दिल्ली पुलिस ने टूल किट मामले में इस महीने के शुरू में उन्हें बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। उन्हें दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी थी। मंगलवार की रात को रवि को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। किसान संगठन ने कहा, एसकेएम न्यायाधीश द्वारा की गई कई टिप्पणियों का स्वागत करता है। बयान में कहा गया है, एसकेएम ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की, जिसने कई नियमों को तोड़ते हुए और एक गैर-संवैधानिक तरीके से दिशा रवि को गिरफ्तार किया।
दिल्ली के सिंघू, गाज़ीपुर और टीकरी बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवंबर से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतन समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं। 26 जनवरी को हिंसा के बाद सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया।