रायपुर : विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यू.एच.ओ.) की दुनिया के प्रदूषित शहरों की कल जारी सूची से राजधानी रायपुर बाहर हो गया है और राज्य का कोई शहर इसमें शामिल नहीं है। आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने बताया कि डब्ल्यू.एच.ओ। ने दुनिया भर के प्रमुख शहरों की वायु गुणवत्ता आंकड़ पर आधारित प्रदूषण के स्तर की एक सूची जारी की है,
जिसमें दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में 14 भारत के हैं और एक कुवैत का है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर इस सूची में शामिल नही है, और रायपुर के प्रदूषण का स्तर भी इन शहरों की तुलना में काफी कम पाया गया है। इससे पूर्व 2016 में डब्ल्यू.एच.ओ। की 2016 की जारी रिपोर्ट में राजधानी रायपुर दुनिया के प्रदूषित शहरों की सूची में सांतवे स्थान पर था।
श्री सिंह ने बताया कि कि प्रदेश में ठोस कार्य योजना बनाकर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के समन्वित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। डब्ल्यू.एच.ओ। की रिपोर्ट 2.5 पी.एम। (फाईन पर्टिकुलेट मैटर) को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण पर 100 देशों के 4000 शहरों में रिसर्च के आंकड़ पर आधारित है।
रिपोर्ट के अनुसार पहले नम्बर पर कानपुर शहर 193 माईक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर एवं छठवें नम्बर पर दिल्ली 143 माईक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। सूची में अंतिम स्थान पर कुवैत का अली सुबाह अल सलीम 94 माईक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है।
उन्होंने बताया कि रायपुर शहर की वायु गुणवत्ता में 2.5 पी.एम। (फाईन पर्टिकुलेट मैटर) का वार्षिक औसत वर्ष 2016 में 37.13 माईक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर, वर्ष 2017 में 33.55 माईक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर एवं वर्ष 2018 में माह अप्रैल तक का औसत 34.65 माईक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा है।
श्री सिंह के अनुसार छत्तीसगढ़ शासन औ़द्योगिक प्रदूषण पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। प्रदूषण के चार प्रमुख कारणों उद्योगों, वाहनों, निर्माण गतिविधियों एवं बायोमास को जलाने से हो रहे प्रदूषण को कम करने में सक्रियता से कार्य कर रहा है, और इसी लिये रायपुर की वायु गुणवत्ता बेहतर हुई है।
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