केंद्र सरकार ने सत्रहवीं लोकसभा में अपने पहले विधेयक के रूप में शुक्रवार को ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019’ पेश किया। इस बिल का कांग्रेस ने विरोध किया है। सरकार के पिछले कार्यकाल में भी तीन तलाक पर बिल लाया गया था लेकिन लोकसभा से पारित हो जाने के बाद यह बिल राज्यसभा से पास नहीं हो पाया था।
– लोकसभा में तीन तलाक बिल पर हुई वोटिंग में बिल के पक्ष में 186 वोट पड़े है वही 74 74 सदस्यों ने बिल को पेश न करने के पक्ष में वोटिंग की इसके बाद फिर से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल पेश किया
– लोकसभा में तीन तलाक बिल पर स्पीकर द्वारा वोटिंग कराई जा रही है। क्योंकि लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने तीन तलाक बिल पर डिवीजन की मांग की है। सदन में लॉबी खाली कराई गई और अब वोटिंग की प्रक्रिया जारी है।
– कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पिछली लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के कारण यह विधेयक फिर से पेश करने की जरूरत पड़ी है। हम संसद हैं। कानून बनाना हमारा काम और कर्तव्य है। कानून की व्याख्या अदालत का काम है। हम अपना काम करें और संसद को अदालत न बनाएं। यह नारी न्याय और गरिमा का सवाल है। यह कैसे संभव है कि कोई सिर्फ तलाक तलाक तलाक कह कर किसी महिला को घर से बाहर कर सकता है।
– एआईएमआईएम सांसद असद्दुदीन ओवैसी ने बिल का विरोध करते हुए यह भी कहा कि तीन तलाक बिल से सिर्फ मुस्लिम पुरुषों को सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को सिर्फ मुस्लिम महिलाओं से हमदर्दी क्यों है, केरल की हिन्दू महिलाओं की चिंता सरकार क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक ठहराया है।
– कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए कहा कि केवल एक समुदाय को ध्यान में रखकर बिल क्यों? मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में इस बिल से कोई बदलाव नहीं आएगा।
– बिहार में चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत को लेकर राज्यसभा में 2 मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई। बता दें बिहार में चमकी बुखार से अब तक 155 बच्चों की मौत हो गई है।