गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक महत्व का होगा और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की फिर से स्थापना में मदद करेगा। राज्य की दो प्रमुख पार्टियों ने इस चुनाव का बहिष्कार किया है। गृहमंत्री ने एक बयान में कहा कि केन्द्र सरकार पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनाव सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए केंद्रीय बलों सहित सभी संभावित सहायता मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा, ‘‘इन स्थानीय निकाय चुनावों का कई मायनों में ऐतिहासिक महत्व होगा।
जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनाव से राज्य में लंबे समय से अपेक्षित जमीनी स्तर का लोकतंत्र फिर से स्थापित होगा।’’ जम्मू कश्मीर में अगले महीने 4,130 सरपंचों (ग्राम प्रधान), 29,719 पंचों (पंचायत सदस्य) और 1,145 वार्ड आयुक्तों के लिए चुनाव होगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने चुनाव के बहिष्कार का निर्णय किया है। उनका कहना है कि केन्द्र सरकार ने अभी तक अनुच्छेद 35 ए पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है जिसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी है।
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जम्मू कश्मीर में पिछली बार शहरी स्थानीय निकाय चुनाव 2005 में और पंचायत चुनाव 2011 में हुए थे। गृहमंत्री राजनाथ ने कहा कि चार और पांच जुलाई को राज्य के उनके दौरे के दौरान आयोजित एक समीक्षा बैठक के बाद जम्मू कश्मीर सरकार ने कई निर्णय किए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण निर्णय स्थानीय निकाय चुनाव कराने का है। गृहमंत्री राजनाथ ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार इन चुनावों को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्रीय बलों सहित सभी संभावित सहायता मुहैया करा रही है।’’
गृहमंत्री राजनाथ ने कहा कि चुनाव से विधिवत गठित स्थानीय निकायों के लिए 14वें वित्त आयोग केंद्रीय अनुदान से करीब 4,335 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त होगा। गृहमंत्री राजनाथ ने कहा कि संविधान के 73वें संशोधन के तहत पंचायतों को सौंपे गए 29 विषयों से जुड़े कामकाज और पद जम्मू कश्मीर पंचायत को भी हस्तांतरित किए जाएंगे। इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्कूल और आंगनवाड़ी केन्द्र जैसे संस्थान शामिल हैं।
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गृहमंत्री राजनाथ ने कहा कि पंचायतों की वित्तीय शक्ति 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये की जा रही है। मंत्री ने कहा कि इसी तरह विकास योजनाओं को लागू करने के लिए अब हर साल प्रखंड परिषदों को 25,000 की जगह 2.5 लाख रुपये और प्रत्येक पंचायत को करीब 50 से 80 लाख रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंचायतों को और मजबूत करने के लिए लेखाकार, डेटा एंट्री ऑपरेटर, प्रखंड पंचायत निरीक्षक तथा इसी तरह के अतिरिक्त पदों को मंजूरी दी जा रही है।
गृहमंत्री राजनाथ ने कहा कि लेह और करगिल स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषदों (एलएएचडीसी और केएएचडीसी) को देश में सर्वाधिक स्वायत्त परिषद बनाने के लिए मजबूत और सशक्त किया गया है जिससे कि वे लद्दाख क्षेत्र के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की विभिन्न समस्याओं का समाधान कर सकें।