लोकसभा ने मंगलवार को लाभ के पदों संबंधी संयुक्त समिति गठित करने के संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस समिति में संसद के दोनों सदनों के सदस्य होंगे। निचले सदन में विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह प्रस्ताव पेश किया।
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि ‘सभाओं के लाभ के पदों संबंधी एक संयुक्त समिति गठित होगी जिसमें 15 सदस्य होंगे। इसमें 10 सदस्य लोकसभा के और 5 सदस्य राज्यसभा के होंगे।’ ये एकल संक्रमणीय मत द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार प्रत्येक सभा के सदस्यों में से निर्वाचित होंगे। संयुक्त समिति के कार्यों में सभी मौजूदा समितियों तथा बाद में गठित सभी समितियों की संरचना एवं प्रकृति की जांच करना शामिल है।
समिति के कार्यों में इसके द्वारा जांच की गई समितियों के संबंध में सिफारिश करना भी है कि किन पदों को निरस्त किया जाना चाहिए और किन पदों को निरस्त नहीं किया जाना चाहिए। समय समय पर संसद की अनुसूची निर्रहरता निवारण अधिनियम 1959 की समीक्षा करना तथा योग, लोप करना अथवा किसी माध्यम से उक्त अनुसूची में संशोधनों की सिफारिश करना भी समिति के कार्यों में शामिल है।
इसमें कहा गया है कि संयुक्त समिति उपयुक्त सभी अथवा किसी मामले के संबंध में संसद की दोनों सभाओं को समय समय पर रिपोर्ट करेगी । संयुक्त समिति के सदस्य वर्तमान लोकसभा की अवधि तक पद धारण करेंगे ।