देहरादून निवासी श्वेता शर्मा ने गुरुवार सुबह ट्वीट किया, ‘उत्तराखंड में आज है लोकतंत्र का जश्न। अपना वोट डालूंगी।’ लेकिन, उन्हें तब गहरी निराशा हुई जब उन्होंने अपना नाम मतदाता सूची में गायब पाया। कई अन्य लोगों की तरह उन्होंने भी अपनी नाराजगी का इजहार ट्वीट कर किया।
मतदाता सूची में नाम नहीं होने की शिकायत के साथ ट्वीट की बाढ़ तब शुरू हुई जब अपोलो अस्पताल की वाइस चेयरमैन शोबाना कामेनेनी ने ट्वीट कर बताया कि हैदराबाद के एक मतदान केंद्र पर उन्होंने अपना नाम मतदाता सूची से लापता पाया।
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कामेनेनी ने कहा कि वह विदेश में थीं और केवल वोट डालने के लिए देश लौटीं। उन्होंने एक वीडियो में कहा, ‘मैं बूथ पर गई और मुझे बताया गया कि मेरा वोट कट गया है। क्या मैं भारत की नागरिक नहीं हूं? क्या इस देश में मेरा कोई मूल्य नहीं है? क्या मेरा वोट महत्वपूर्ण नहीं है? मुझे लगता है कि एक नागरिक के रूप में यह मेरे साथ किया गया एक अपराध है और मैं इसे सहन नहीं करूंगी। मुझे आज धोखे का अहसास हुआ।’
सोशल मीडिया मतदाता सूची से नाम कटे होने की ऐसी शिकायतों से भरा पड़ा है।
बॉयोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ ने ट्वीट कर बताया, ‘मेरी मां की वोटर आईडी इन अजब बहानों के साथ डिलीट कर दी गई कि एक रिपोर्ट है कि वह अब अपने पते पर नहीं रह रही हैं। मैं बता नहीं सकती कि वह कितनी नाराज हैं क्योंकि वह इसी पते पर बीते 19 साल से रह रही हैं।’
देहरादून की श्वेता शर्मा ने कहा कि वह वार्ड संख्या 25 के बूथ पर अपनी वोटर आईडी के साथ गईं लेकिन उन्होंने अपना नाम सूची में नहीं पाया।
हैदराबाद में रहने वाले 27 वर्षीय डिजाइनर साइकृष्णा दुप्पल्ली ने बताया कि वह अपना मत देने हैदराबाद से 150 किलोमीटर की यात्रा कर तेलंगाना के करीमनगर जिला पहुंचे लेकिन वहां पहुंचकर उन्होंने अपना नाम मतदाता सूची में नहीं पाया। उन्होंने कहा उन्हें यह घोटाला लगा।