लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

लोकसभा चुनाव : भाजपा के प्रमुख अदृश्य ‘महासचिव’

चार महत्वपूर्ण राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सतीश का जन्म नागपुर में हुआ। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों में एबीवीपी व आरएसएस के लिए कार्य किया है।

 लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में ‘संगठन महामंत्री’ (महासचिव, संगठन) का पद महत्वपूर्ण हो गया है। संगठन महामंत्री का पद पार्टी के वैचारिक सलाहकार आरएसएस के साथ संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और विभिन्न स्तरों पर समन्वय स्थापित करता है। संगठन महामंत्री की सहायता राष्ट्रीय स्तर पर पांच संयुक्त महासचिवों (संगठन) द्वारा की जाती है। राज्य की भाजपा ईकाइयों में भी इसी अनुक्रम का पालन किया जाता है। भाजपा की हर राज्य इकाई में एक महासचिव (संगठन) के साथ दो-तीन संयुक्त महासचिव (संगठन) होते हैं।

 भाजपा में महासचिव (संगठन) का पद राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ द्वारा नियुक्त ‘प्रचारक’ को सौंपा जाता है, जो दोनों संगठनों में सेतु की तरह कार्य करता है। यह पद शक्तिशाली होता है और इसपर मौजूद व्यक्ति का प्रभाव दूसरे महासचिवों से ज्यादा माना जाता है। पार्टी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव व प्रक्ता सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी जनता से जुड़े होते हैं, जबकि महासचिव (संगठन) एक बैकरूम कमांडर की तरह होता है, जो पार्टी कार्य के प्रति समर्पित होता है। यह संगठनात्मक अंतर की पहचान करता है और जमीनी हकीकत को बताता है तथा लाइमलाइट से दूर रहता है।

सूत्र बताते हैं कि महासचिव (संगठन) आरएसएस के प्रति जवाबदेह होता है और यह प्रत्यक्ष तौर पर भाजपा अध्यक्ष के प्रति जवाबदेह नहीं होता। भाजपा में महासचिव (संगठन) के पद पर वर्तमान में रामलाल है। उनके अधीन चार संयुक्त महासचिव (संगठन) हैं। इसमें वी.सतीश, सौदान सिंह, शिव प्रकाश व बी.एल.संतोष शामिल हैं।

 रामलाल : ये लंबे समय से भाजपा महासचिव (संगठन) पद पर सेवा दे रहे हैं। रामलाल को इनके संगठनात्मक कौशल के लिए जाना जाता है। वह आरएसएस के साथ समन्वय करते हैं और कैडर और विचारधारा की प्रमुखता को बनाए रखने का काम देखते हैं। इस पद पर अतीत में सुंदर सिंह भंडारी, के.एन.गोविंदाचार्य, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व संजय जोशी रह चुके हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रचारक रामलाल ने 2006 में संजय जोशी की जगह ली थी। इस पद का महत्व एक उदाहरण से समझा जा सकता है।

साल 2004 में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की एम.ए.जिन्ना पर टिप्पणी से जब विवाद हुआ तो आरएसएस ने उन पर इस्तीफे के लिए दबाव बनाया। लेकिन वह दृढ़ रहे। भाजपा में ऐसा कोई नहीं था जो कोर कमेटी की बैठक में उनके इस्तीफे का प्रस्ताव दे। इस्तीफे का प्रस्ताव संजय जोशी द्वारा दिया गया, जो उस समय इस पद पर थे, जिस पर आज रामलाल हैं। आडवाणी को पार्टी प्रमुख पद से इस्तीफा देना पड़ा था। रामलाल को जमीन से जुड़ा माना जाता है। वह नियमित तौर पर संगठनात्मक बैठक करते हैं और पार्टी के शीर्ष नेताओं को फीडबैक देते हैं और राज्य इकाइयों को पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों की सूचना देते हैं। उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं की आवाज माना जाता है और वह उनकी शिकायतों का निपटारा करते हैं। वह वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए भी कार्य करते हैं।

 वी.सतीश : यह संगठन मंत्री (संयुक्त महासचिव (संगठन)) हैं और आंध्र प्रदेश के अलावा पश्चिमी क्षेत्र (राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र) के प्रभारी हैं। यह पूर्णकालिक आरएसएस कार्यकर्ता हैं और वह लोकसभा चुनाव में चार महत्वपूर्ण राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सतीश का जन्म नागपुर में हुआ। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों में एबीवीपी व आरएसएस के लिए कार्य किया है।

 सतीश ने गुजरात में भी कार्य किया है और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और इसके अलावा आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबोले का करीबी माना जाता है। शिव प्रकाश : पश्चिम बंगाल व पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में मुख्य तौर पर संगठनात्मक मामलों की देखरेख कर रहे हैं। उन्होंने अमित शाह के साथ 2014 के लोकसभा चुनाव में करीबी तौर पर कार्य किया है और उन्हें उनके कार्य के लिए पदोन्नति दी गई।

उनके मार्गदर्शन में पश्चिम बंगाल में बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा के वोट शेयर में सुधार हुआ और यह दो अंकों में पहुंच गया। वह समाजिक संयोजन व संगठनात्मक गड़बड़ियों को दूर करने के लिए पर्दे के पीछे काम करने वालों में से हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल में बूथ स्तर व जिला स्तर के लिए टीम की नियुक्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 सौदान सिंह : वह छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड के प्रभारी हैं और उन्हें छत्तीसगढ़ में अतीत में भाजपा की जीत का श्रेय दिया जाता है। सिंह वर्तमान में ओडिशा में व्यस्त हैं, जहां पार्टी अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए कठिन परिश्रम कर रही है। बी.एल.संतोष : केमिकल इंजीनियरिंग से स्नातक संतोष भाजपा के दक्षिण भारत के मामलों को देख रहे हैं। उन्हें संगठनात्मक कौशल के लिए जाना जाता है। वह पार्टी की पकड़ को मजबूत करने के लिए नवीनतम संचार तकनीक का इस्तेमाल करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eleven − 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।