18 सितंबर से शुरू हुए विशेष सत्र को लोकसभा अध्यक्ष ने बताया ऐतिहासिक

18 सितंबर से शुरू हुए विशेष सत्र को लोकसभा अध्यक्ष ने बताया ऐतिहासिक
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18 सितंबर से शुरू हुए विशेष सत्र को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ऐतिहासिक बताया और गुरुवार को कहा कि इस सत्र के दौरान सदन में कार्य उत्पादकता 132 प्रतिशत रही।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करते हुए कहा कि 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र आज समाप्त हो गया। उन्होंने कहा कि इस सत्र को संसदीय इतिहास में एक ऐतिहासिक सत्र के रूप में याद किया जाएगा क्योंकि इसी दौरान संसद ने नए भवन में अपनी यात्रा शुरू की थी।
उन्होंने सदन की कार्यवाही के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि 18 सितंबर से शुरू हुए इस सत्र में 4 बैठकें हुईं जो करीब 31 घंटे तक चलीं। सत्र के दौरान सदन की कार्य उत्पादकता 132 प्रतिशत रही।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस सत्र के दौरान सदन में एक सरकारी विधेयक पेश किया गया और एक विधेयक पारित किया गया।
उन्होंने कहा कि 19 सितंबर को पेश किए गए संविधान (128वां संशोधन) विधेयक पर चर्चा 9 घंटे और 57 मिनट तक चली। चर्चा में 60 सदस्यों ने भाग लिया, जिनमें 32 महिला सदस्य शामिल हैं। विधेयक को संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप दो-तिहाई बहुमत से पारित किया गया।
लोकसभा अध्यक्ष ने बताया किप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई''संविधान सभा से लेकर 75 वर्षों की संसदीय यात्रा – उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख''विषय पर चर्चा 6 घंटे 43 मिनट चली जिसमे 36 सदस्यों ने भाग लिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज''चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे देश की अन्य उपलब्धियों''विषय पर चर्चा शुरू की जो 12 घंटे 25 मिनट चली और 87 सदस्यों ने इसमें भाग लिया।
उन्होंने कहा कि लोकसभा की विभाग-संबंधित स्थायी समितियों ने एक रिपोर्ट भी इस दौरान प्रस्तुत की। सत्र के दौरान कल निर्देश 73ए के तहत एक वक्तव्य दिया गया। अध्यक्ष ने सदन को सूचित किया कि लगभग 120 कागजात सदन के पटल पर रखे गए।

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