लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को सदन में सदस्यों से आग्रह किया कि वे सितंबर माह में शुरू होने वाले राष्ट्रीय पोषण अभियान में भाग लेकर कुपोषण को समाप्त करने के जन आंदोलन में भाग लें। बिरला ने कहा, “हम सभी सक्रिय जनभागीदारी के माध्यम से और मां तथा बच्चों को पौष्टिक भोजन के माध्यम से कुपोषण को समाप्त करने के अभियान में भाग लेकर इसे जन आंदोलन बना सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से कुपोषण को समाप्त करने के लिए अभियान चलाने का फैसला किया है और सभी सदस्यों को अपने अपने क्षेत्रों में इस अभियान में भाग लेना चाहिए। महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि प्रत्येक सदस्य अगर अपने अपने क्षेत्र में पोषण अभियान में भाग लें तो कुपोषण को समाप्त करने की दिशा में बड़ी सफलता मिलेगी और अन्य लोग भी इसके लिए प्रेरित होंगे।
उन्होंने एक अगस्त से सात अगस्त तक चल रहे विश्व स्तनपान सप्ताह में भी सांसदों की भागीदारी की आवश्यकता बताई। ईरानी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए एक “तिथि भोजन अभियान” की शुरूआत की थी जिसमें आम लोग अपने घरों पर जन्मदिन एवं अन्य अवसरों पर किसी सरकारी स्कूल, आंगनवाड़ी आदि में बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन मुहैया करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि संसद सदस्य विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर इस संबंध में काम कर सकते हैं। यह स्वैच्छिक कार्यक्रम है और इसे किसी पर थोपा नहीं जा सकता। ईरानी ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण अभियान केवल उनके मंत्रालय या स्वास्थ्य मंत्रालय का अभियान नहीं है , बल्कि इसमें सरकार के 15 मंत्रालय और नीति आयोग का सहयोग है।
कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने इस दौरान कैग की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि यह सरकार हर मुद्दे पर अपनी पीठ थपथपाती है, लेकिन देश की आर्थिक हालत चरमरा रही है। लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें आगे बोलने की अनुमति नहीं दी और जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मरक (संशोधन) विधेयक 2019 को पेश कराया। इस पर चौधरी नाराजगी व्यक्त करते हुए दिखाई दिये। उनके नेतृत्व में कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।