लुधियाना-अमृतसर : ‘सांझीवालता और मानव सेवा ’ के प्रतीक सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब के लिए वल्र्ड बुक आफ रिकार्डस लंदन यूके की ओर से आज मोस्ट विजिटेड प्लेस आफ वर्ल्ड का अवार्ड शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी को दिया गया है। यह अवार्ड देश व विदेश से अलग अलग धर्मों , जातियों के श्रद्धालुओं की सब से अधिक यहा आमद होने को मुख्य रख कर दिया गया है। सात समुद्र पार बसे संगठन की ओर से लंदन से आई महासचिव सुरभी कौल ने यह अवार्ड एसजीपीसी के मुख्य सचिव डा रूप सिंह को अमृतसर पहुंच कर एसजीपीसी के कार्यालय में प्रदान किया गया है। इस दौरान संस्थान की राज्य टीम के अध्यक्ष रनदीप सिह कोहली के अलावा एसजीपीसी के अधिकारी और वल्र्ड बुक आफ रिकार्ड की टीम भी मौजूद थे।
सुरभी कोहली से अवार्ड हासिल करने के बाद एसजीपीसी के मुख्य सचिव डा रूप सिंह ने कहा कि श्री हरिमंदिर साहिब विश्व का अकेला ऐसा धार्मिक संस्थान है यहां मानवता की सेवा , हर समय होती सरबत के भले की अरदास , गरबाणी का आमोलक उपदेश, संगत के लिए किए जाते बड़े प्रबंध, साफ सफाई, मानवता की बराबरता और हर धर्म जाति , नसल , रंग भेद के लोगों को बिना किसी भेदभाव के शकाया जाता अटूट लंगर अपने आप में सदियों से विश्व रिकार्ड बना रहा है। हरिमंदिर साहिब की विशेषता ही दुनिया भर के लोगों को यहां आ कर दर्शन करने के लिए प्रेरित करती है।
इस लिए इस संस्थान को अवार्ड देने वाली संस्था की भी अपनी शोभा यह अवार्ड देने से बढ़ती है। यह अवार्ड मिलने से सिख का मान बड़ा है। क्यों के सिखों ने अल्पसंख्यक होते हुए भी विश्व भर का ध्यान अपनी और आकर्षित किया है। इस दौरान सुरभी कौल और रनदीप सिंह कोहली ने कहा कि हमारे संस्थान को मुख्य उद्देश्य प्रमुख स्थानों की महानता का प्रचार दुनिया के प्रत्येक कोने तक पहुंचाना है। ताकि विश्व के लोगों को इस से प्रेरणा मिल सके।
उन्होंने कहा कि लोगों की आमद, श्रद्धा सत्कार व इस स्थान के समानता वाले वातावरण के आधार पर ही इस पावन स्थान को अवार्ड भेंट किया गया है। इस अवसर पर एसजीपीसी के पदाधिकारी सुरजीत सिंह भिट्टेवड्ड, रजिंदर सिंह मेहता, बावा सिंह गुमानपुरा , हरजाप सिंह , हरभजन सिंह मनावा, मंजीत सिंह , महिंदर सिंह आहली, सुखदेव सिंह भूरा कोहना, बलविंदर सिंह जौड़ा संघा, बिजै सिंह , कुलविंदर सिंह रमदास, सकत्तर सिंह , रघुबीर सिंह मंड, गुरिंदर सिंह मथरेवाल , मलकीत सिंह व शहबाज सिंह आदि भी मौजूद थे।
– सुनीलराय कामरेड