भोपाल : नीति, नीयत और नेतृत्व ठीक हो तो विकास की राह निकल ही आती है। जो अब तक कभी नहीं हुआ, वो हम कर दिखायेंगे। खेती और सिंचाई के मामले में हम मध्यप्रदेश को दुनिया का सर्वोत्तम राज्य बनायेंगे। बुन्देलखंड अंचल में वर्तमान में 38,598 करोड़ रूपये लागत की सिंचाई परियोजनायें चल रही हैं। इनका काम पूरा होने पर बुन्देलखण्ड अंचल के पांच जिलों के 25 लाख एकड़ रकबे में सिंचाई होगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात सागर जिले के खुरई में लगभग 4 हजार करोड़ लागत की बीना नदी संयुक्त सिंचाई परियोजना के भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने इस मौके पर परियोजना का ऑनलाइन ई-शिलान्यास किया। यह परियोजना पूर्ण होने पर खुरई, बीना एवं सुरखी विधानसभा क्षेत्र के 90 हजार हैक्टेयर रकबे में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से सिंचाई होगी। इस परियोजना के अंतर्गत करीब 21 मेगावाट जलविद्युत का उत्पादन भी किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्राप-मोर क्रॉप सिद्धांत के आधार पर मध्यप्रदेश में नई परियोजनायें मंजूर की जा रही हैं। इसमें नहर प्रणाली में भूमिगत पाईप लाइन बिछाकर उच्च दबाव पर जल प्रदाय कर सूक्ष्म सिंचाई पद्वति को अपनाया जा रहा है। अगले पांच सालों में प्रदेश की 80 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड में बण्डा, बाणसुजारा, पवई सिंचाई परियाजनाओं पर काम जारी है। केन-बेतवा लिंक परियोजना पर उत्तरप्रदेश से चर्चा चल रही है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के हिस्से का एक-एक बूंद पानी बुन्देलखण्ड को दिलाने की तैयारी चल रही है। बीना नदी संयुक्त सिंचाई परियोजना की एजेन्सी तय कर दी गयी है। अब इस परियोजना पर तेजी से काम पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गांवों, गरीबों, किसानों, खेतों, खलिहानों और प्रदेश के हर नागरिक के चेहरे पर विकास की मुस्कान लाने के लिये कार्य कर रही है। सरकार ने गरीबों के लिये सभी द्वार खोल दिये हैं। मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में हर गरीब के लिये रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई-लिखाई, दवाई से लेकर रोजगार तक की व्यवस्था की जा रही है।