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महाराष्ट्र : CM फडणवीस से मिले भरोसे के बाद वापस लौटने को तैयार हुए किसान

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नासिक से शुरू हुई किसान पैदल यात्रा जो ऑल इंडिया किसान सभा से जुड़े हुए थे,उन्होंने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार की कमेटी से मुलाकात की। राज्य के सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि सरकार ने किसानों की मांगें मान ली हैं। इसमें जमीन हस्तांतरण के अधिकार सहित बाकी अन्य मांगें भी हैं। इस मुलाकात के बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है और किसानों के अपने घर पहुंचने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की भी मांग मान ली है।

ये किसान रैली शनिवार को मुलुंड से शुरू हुई थी, जो रविवार को मुंबई पहुंचीं थी। किसानों ने आम जनता को परेशानी न हो, इसे ध्यान रखते हुए रात में ही मार्च निकालने का फैसला किया था।किसानों की शिकायत के कि जो उनकी जमीन है, उससे कम उनके नाम पर है। ऐसे में अभी वो जितनी जमीन पर खेती कर रहे हैं, वो उनके नाम पर होनी चाहिए। इस मांग को भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मान लिया है। अब इस मामले पर राज्य के मुख्य सचिव नजर रखेंगे और आने वाले 6 महीनों के भीतर ये सभी मांगें मानी जाएंगी।

किसान मुंबई में विधान भवन का घेराव करने पर अड़े थे, ताकि अपनी मांगों को मनवा सके। इसमें पूरा लोन माफ, एमएस स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को पूरी तरह लागू करना। साथ ही जमीन अधिग्रहण की सूरत में उचित मुआवजे की मांग भी शामिल है।इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, उनकी सरकार किसानों और आदिवासियों की मांग के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। विधानसभा में चर्चा के दौरान फडणवीस ने ये बात कही। ये चर्चा विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल द्वारा शुरू की गई, जिन्होंने इस लंबी यात्रा में शामिल होने के लिए किसानों की तारीफ की।

बता दें कि राज्य में दूसरी बार किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं। मध्य प्रदेश में आलू और प्याज के समर्थन मूल्य को लेकर किसानों के आंदोलन के वक्त भी महाराष्ट में भी किसानों ने प्रदर्शन किया था। किसानों की मांगों के आगे झुकते हुए मुख्यमंत्री ने उस वक्त कर्ज माफी का ऐलान किया था। गौरतलब है कि इस किसान मोर्चे के बहाने सियासी दल भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को घेरने में लगे थे। इनमें सरकार में शामिल शिवसेना भी शामिल है।

विपक्षी दलों के साथ ही सरकार में शामिल शिवसेना के नेताओं ने भी किसानों को समर्थन देने का आश्वासन दिया। हैरत की बात यह है कि महाराष्ट्र में सरकार चला रही बीजेपी और शिवसेना के नेताओं ने भी पहुंचकर किसानों को अपना समर्थन देने का वादा किया। वहीं, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से खुद राज ठाकरे किसानों से मिलने पहुंचे। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने रविवार को किसान मोर्चा के मुंबई पहुंचने पर किसान नेताओं से मुलाकात की।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी किसानों को अपने समर्थन की घोषणा की है। सोमवार सुबह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे एवं विधान परिषद में नेता विरोधी दल धनंजय मुंडे भी किसानों से मिले।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि, महाराष्ट्र में चल रहा किसानों का आंदोलन सिर्फ राज्यभर का नहीं, बल्कि ये पूरे देश का है। देशभर के किसान इस समस्या से जूझ रहे हैं।

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