मुंबई : मराठा समुदाय के लिये आरक्षण की सिफारिश करने वाली राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को महाराष्ट्र विधानसभा में पेश करने के मुद्दे पर मंगलवार को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई। विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) पिछले सप्ताह से रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने की मांग कर रही हैं। विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े ने मंगलवार को सदन की बैठक शुरू होते ही प्रश्नकाल की घोषणा की, तभी सदन में कांग्रेस के उपनेता विजय वड्डेटिवार ने सदन को 10 मिनट के लिये स्थगित करने का अनुरोध किया क्योंकि विधानसभा परिसर में विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक चल रही थी।
बागड़े ने इसके बाद निचले सदन की कार्यवाही को 10 मिनट तक के लिये स्थगित कर दिया। बाद में सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सुभाष साबने ने सदन की बैठक को दोपहर सवा 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया। साबने सदन में आकर इसे फिर स्थगित करने की घोषणा करते, इससे पहले ही वाड्डेटिवार सदन में आ गये और उन्होंने विपक्ष के सभी नेताओं से सदन में लौटने के लिये कहा। इससे पहले विपक्ष के एक नेता ने विधानसभा के बाहर कहा कि राज्य सरकार ने रिपोर्ट को सदन में पेश करने से इनकार किया है।
उन्होंने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘‘हमें बताया गया कि एक विधेयक दोनों सदनों में पेश किया जायेगा, जिसे बिना किसी चर्चा के पारित किया जाना चाहिए।’’ इस बीच अपनी आगे की कार्रवाई पर फैसला करने के लिये कांग्रेस एवं राकांपा के नेताओं ने विधायक दल कार्यालय में बैठक की। उल्लेखनीय है कि मराठा आरक्षण मुद्दे पर मंत्रिमंडल उप समिति का नेतृत्व कर रहे राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था कि सरकार विधानसभा का शीतकालीन सत्र खत्म होने से पहले मराठाओं को सामाजिक एवं शैक्षिक पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) वर्ग के तहत आरक्षण देने के लिये बृहस्पतिवार को एक विधेयक लायेगी।