रायपुर : देश में पत्रकारों का शुरू से सम्मान रहा है। देश को स्वतंत्र कराने में भी पत्रकारों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उक्त बातें देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान राजधानी रायपुर में स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही। श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि मुझे पत्रकारिता बहुत पसंद हैं क्योंकि मैंने कहीं न कहीं इसी से हिंदी सीखी हैं।
हिन्दूस्तान में हिंदी के बिना चल पाना संभव नही है। उन्होंने कहा कि आपके इस विश्वविद्यालय के दीक्षांत में शामिल होने पर मैं बहुत खुश हूं क्योंकि मैंने भी कुशाभाऊ ठाकरे के साथ काम किया है। मैं उनको नमन करता हूं। उन्होंने सदैव सादा जीवन और उच्च विचार का असली मतलब समझाया। मुझे इस बात पर भी खुशी हो रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी के लिखे गीत को यहां कुलगीत का दर्जा दिया गया है।
उपराष्ट्रपति ने कुशाभाऊ ठाकरे विवि की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना को 14 साल हुए हैं। इतने कम समय में जो कामयाबी हासिल की है वह काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में नई बीमारी आ गई । आज न्यूज और व्यूज में फर्क खत्म हो गया है।
मीडिया अब उद्योग में बदल गया है। आपको समझना होगा समाचार लोगों को जागरूक करने के लिए है न कि कमीशन के लिए। आज लोग इस बात को भूल गए हैं। उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि आज हम अपनी मातृभाषा को भूलकर अंग्रेजी को अपना रहे हैं। यह दुर्भाग्य है कि हम आगे बढऩे के लिए अपनी मातृभाषा को भूलकर अंग्रेजी को अपना रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने समारोह में विवि में पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को उपाधि भी प्रदान की। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु के आज रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचने पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और विधानसभा अध्यक्ष ने आत्मीय स्वागत करते हुए उनकी अगवानी की।
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