भारतीय सेना के सेवारत मेजल जनरल को एक महिला अधिकारी के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में शुक्रवार को बर्खास्त कर दिया गया।
सैन्य सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि मेजर जनरल आर एस जसवाल को पिछले साल दिसंबर में जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा सुनाई गई सजा को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मंजूरी दे दी।
चंडीमंदिर के पश्चिमी सैन्य कमान के तहत आने वाले जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम) ने भादंसं की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) और सेना कानून की धारा 45 (अस्वीकार्य आचरण) के तहत जसवाल को दोषी पाने के बाद उसे बर्खास्त किए जाने की अनुशंसा की थी।
एक सूत्र ने बताया, “सैन्य प्रमुख ने जीसीएम द्वारा मेजर जनरल को दी गई सजा की पुष्टि कर दी है।”
सूत्रों ने बताया कि जसवाल को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत अंबाला अंडर टू कोर की सैन्य टुकड़ी के साथ जोड़ा गया था और उसे सेवा से बर्खास्त किए जाने के बारे में सूचना दे दी गई है।
जीसीएम प्रक्रिया के दौरान जसवाल ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया था और आरोप लगाया कि दिसंबर 2016 में सेना प्रमुख के तौर पर जनरल रावत की नियुक्ति के बाद वह सेना के गुट के झगड़े का शिकार हुआ है।
जीसीएम की अध्यक्षता लेफ्टिनेंट जनरल ने की और इसमें करीब छह सैन्य अधिकारी सदस्य थे। सेना के जज एडवोकेट जनरल शाखा की महिला अधिकारी ने जसवाल के खिलाफ लिखित शिकायत की थी जिसके बाद जीसीएम को मामले की जांच करने के आदेश दिए गए थे।
जसवाल उस वक्त नगालैंड में असम राइफल्स में बतौर महानिरीक्षक सेवा दे रहा था जब उसके खिलाफ ये आरोप सामने आए थे।