भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नौसैनिकों के बीच मालाबार अभ्यास का पहला चरण आज से बंगाल की खाड़ी में विशाखापट्टनम से शुरू हो रहा है। यह अभ्यास 4 देशों के रणनीतिक हितों के बढ़ते संबंध को दर्शाता है। यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लगभग 6 महीने से सीमा गतिरोध चल रहा है, जिससे दोनों देशों के संबंधों में काफी तनाव आ गया है। जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका का भी कई मुद्दों पर पिछले कुछ महीनों से चीन के साथ मतभेद रहा है।
पिछले महीने, भारत ने घोषणा की थी कि ऑस्ट्रेलिया मालाबार अभ्यास का हिस्सा होगा। ये चारों देश मुख्य रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के सैन्य विस्तारवाद से निपटने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अभ्यास का पहला चरण 3 से 6 नवंबर तक होगा जबकि इसका दूसरा चरण 17 से 20 नवंबर तक अरब सागर में आयोजित किया जाएगा। हाल ही में हुई ‘टू-प्लस-टू वार्ता’ के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मालाबार अभ्यास में शामिल होने के लिये भारत द्वारा आस्ट्रेलिया को न्योता दिये जाने का स्वागत किया था। चीन की बढ़ती आक्रमकता को रोकने के लिये अमेरिका एक सुरक्षा ढांचे के रूप में ‘क्वॉड’ का समर्थन कर रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि मालाबार अभ्यास 1992 में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच हिंद महासागर में एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था। बाद में, 2015 में जापान इसका स्थायी सदस्य बन गया। यह वार्षिक नौसेना अभ्यास 2019 में जापान के तट पर हुआ था। इस साल के अभ्यास में भारतीय नौसेना अपने विध्वंसक पोत रणविजय, युद्ध पोत शिवालिक, समुद्र तटीय गश्ती नौका सुकन्या, जहाजों के बेड़े को सहायता पहुंचाने वाले पोत शक्ति और पनडुब्बी सिंधुराज को शामिल करेगी।