भारत में बनी Malaria Vaccine ने WHO का दिल जीता, टीकों की सूची में शामिल

Malaria Vaccine
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Malaria Vaccine: मलेरिया की बीमारी एक बहुत खतरनाक बीमारी है जिसने दुनिया भर में आतंक मचा कर रखा है। मलेरिया से सुरक्षा के लिए भारत 30 साल की कड़ी मेहनत के बाद Malaria Vaccine को बनाने में सफल हुआ था और अब WHO ने भारत की इस वैक्सीन को मंजूरी दे दी है और इसे टीकों की लिस्ट में शामिल कर लिया है। भारत में यह मलेरिया वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया ने बनाई है जिसे वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने पूरे 75 बार टेस्ट किया है और यह वैक्सीन सभी में सफल हुई है। भारत में बनाई गई इस वैक्सीन का नाम R21/Matrix-M है। इस Malaria Vaccine को ऑक्सफोर्ड यूनिर्वसिटी ने डेवलप किया है। WHO से मिली मान्यता के बाद घाना वह पहला देश बन चुका है जिसने इस वैक्सीन को 5 से 6 महीने के बच्चे को लगाने की अनुमति दे दी है। अब घाना के बाद इस वैक्सीन को कौन सा देश अपने यहाँ मान्यता देगा यह देखना दिलचस्प होगा।

  • WHO ने भारत में बनी मलेरिया वैक्सीन को मंजूरी दे दी है
  • भारत में यह मलेरिया वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया ने बनाई है
  • वैक्सीन को WHO ने पूरे 75 बार टेस्ट किया है और यह वैक्सीन सभी में सफल हुई है
  • भारत में बनाई गई इस वैक्सीन का नाम R21/Matrix-M है

R21/Matrix-M दूसरी वैक्सीन जिसे WHO ने मंजूरी दी

आपको बता दें की भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई गई R21/Matrix-M मलेरिया की वह दूसरी वैक्सीन है जिसे WHO ने मंजूरी दे दी है। इस वैक्सीन से पहले मलेरिया की RTS, S/AS01 को मंजूरी दी जा चुकी है। इस वैक्सीन के बाद से ही ऐसी आशकाएं लगाई जा रही थी कि इसकी कम दामों, अच्छी क्वालिटी और आसानी से पाए जाने की वजह से यह बच्चों में मलेरिया की बीमारी को उत्पन्न नहीं होने देगी और जल्द ही मलेरिया के मरीजों में कमी आने लगेगी। मलेरिया की बीमारी व्यक्ति के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है यह बच्चों पर ज्यादा असर डालती है हालाँकि इसका सही इलाज मिलने पर यह ठीक हो जाती है। मलेरिया मच्छरों से फैलने वाला एक संक्रमण है। इसमें बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना और सांस लेने में परेशानी होने लगती है।

जांच के बाद दी गई मंजूरी

WHO के वैक्सिनेशन और बायो विभाग के निदेशक डॉ. केट ओ'ब्रायन ने R21 टीके के प्रीक्वालिफिकेश को पास करने को एक अच्छी और राहत भरी खबर बताया। उन्होंने कहा कि, दुनिया भर के देश स्वास्थ्य पर ध्यान दे रहें और प्रगति कर रहे हैं, WHO मलेरिया के कहर बरसाने वाले देशों में बच्चों को बचाने के लिए समर्पित है। वैक्सीन को बनाने में पुरे तीस सालों लगाया गया है। WHO ने वैक्सीन को पूरी गहन जांच, डेटा का अध्ययन, नमूनों की जांच, निरक्षण और एक एक चीज पर छानबीन करके मंजूरी दी है।

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