राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का बतौर सदस्य कार्यकाल पूरा होने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे को सदन में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन खड़गे ने महंगाई का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि आसमान छू रही महंगाई से आदमी परेशान है और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया है लेकिन सरकार ने उसे खारिज कर दिया है।
कांग्रेस सदस्य खड़गे ने संसद भवन परिरसर के बाहर संवाददाताओं से कहा कि महंगाई चरम पर पहुंच गयी है और कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सदन में चर्चा कराने का सरकार से आग्रह कर रही है लेकिन उनकी इस मांग को ठुकरा दिया गया है। सरकार महंगाई पर चर्चा से भाग रही है। उनका कहना था कि सदन में उनकी मांग नहीं माने जाने के बावजूद कांग्रेस महंगाई के मुद्दे पर अपना विरोध जारी रखेगी।
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कांग्रेस नेता ने कहा कि महंगाई से जनता त्रस्त है और विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सदन में जनता की समस्या को रखना चाहता है लेकिन सरकार ने इस पर चर्चा कराने से मना कर दिया है। विपक्ष देश की बिगड़ती स्थिति को सदन में रखना चाहता है और उससे सरकार को अवगत कराना चाहता है, इसलिए सरकार को कांग्रेस की मांग को स्वीकार करते हुए सदन में महंगाई पर चर्चा कराने की अनुमति देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमत आम लोगों की पहुंच से बाहर है। उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों को रसोई गैस का सिलेंडर देने की बात करने वाली मोदी सरकार आए दिन रसोई गैस की कीमत बढ़ रही है जिससे लोगों के घर का बजट बिगड़ रही है। पेट्रोल-डीजल महंगा होने से सभी आवश्यक वस्तुओं के दाम दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं और इस महंगाई को लेकर जनता में आक्रोश है।