राज्यसभा से सांसदों के निलंबन को आज फिर सदन की कार्रवाई सुचारु रूप से नहीं चल पाई। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों को नियम के तहत निलम्बित नहीं किया गया है, इसलिए उनका निलम्बन तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
खड़गे ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि जिस घटना के लिए सदस्यों को निलम्बित किया गया वह 11 अगस्त को हुई थी लेकिन सरकार ने गैरकानूनी काम कर सदस्यों को अगले सत्र में निलम्बित किया है जबकि नियम यह है कि सदन के अनिश्चितकाल के लिए स्थिगित होने के बाद पहले सत्र की गतिविधियों को लेकर सदस्यों को अगले सत्र में निलम्बित नहीं किया जा सकता।
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उन्होंने कहा कि वह लगातार सभापति से आग्रह कर रहे हैं कि इन सदस्यों का निलम्बन गलत है और निलम्बित किए गए 12 सदस्यों के निलम्बन को रद्द किया जाय लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हैं। हर घंटे सदन स्थगित हो रहा है। सरकार सदन को नहीं चलाना चाहती है और समसामयिक मुद्दों पर बहस नहीं चाहती है, इसलिए विपक्ष के आग्रह को नहीं माना जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि सरकार निलम्बन वापस नहीं लेती है तो जहां ये सदस्य धरने पर बैठे हैं, वहां उनकी पार्टी के सदस्य एक दिन का उपवास करेंगे। उन्होंने लोकसभा में पार्टी के सदस्यों से भी इस उपवास में शामिल होने का आग्रह किया है।