पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की। इस दौरान उन्होने विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं और पिछले वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं के लंबित दावों के कारण लंबित लगभग 1.16 लाख करोड़ रुपये का बकाया जारी करने का आग्रह किया। ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राज्य के लिए धन जारी करने का आग्रह किया है। सीएम ममता बनर्जी ने 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि, "विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं और पिछले वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं के लंबित दावों के कारण भारत सरकार पर लगभग 1.16 लाख करोड़ रुपये का बकाया है। बकाया राशि में MGNREGA, PMAY, PMGSY, NHM के अलावा कई योजनाओं का पैसा शामिल हैं।"
ममता बनर्जी ने कहा, "हमें वर्ष 2022-23 के बजट में 'मनरेगा' के तहत 100 दिनों के काम के लिए एक पैसा भी नहीं मिला। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए मिलने वाली धनराशि रोक दी गई है, ग्रामीण विकास योजनाएं बंद कर दी गई हैं और स्वास्थ्य अभियान कार्यक्रम भी बंद कर दिया गया है। हमें वित्त आयोग के तहत भी राशि नहीं मिल रही है।"
हालाँकि, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र सरकार के निर्देशों का राज्य द्वारा अनुपालन न करने के कारण मनरेगा की धारा 27 के तहत धन जारी नही किया गया।
ममता बनर्जी ने पत्र में आगे कहा कि, पिछले 12 वर्षों के दौरान पश्चिम बंगाल की GDSP वर्ष 2010-11 में 4.60 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 15.54 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो 3.37 गुना की वृद्धि है। उन्होने कहा,"मुझे आशा है कि आप इस बात से अवगत होंगे कि पिछली सरकार के दौरान लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के भारी बोझ के बावजूद पश्चिम बंगाल ने 2011 से 2023 की अवधि के दौरान अभूतपूर्व प्रगति की है।"
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