पूर्वोत्तर भारत के त्रिपुरा को आज, रविवार को नया मुख्यमंत्री मिल गया। माणिक साहा ने त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है। इसके साथ वह राज्य के 11वें मुख्यमंत्री बने हैं। उन्हें बिप्लव देव के इस्तीफे के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आलाकमान ने यह जिम्मेदारी सौंपी है।
राज्यपाल ने दिलाई पद और गोपनीयता की शपथ
तो वहीं, त्रिपुरा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने राजधानी अगरतला में चमचमाते दरबार हॉल में एक सादे समारोह में माणिक साहा को मुख्यमंत्री के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। यहां पर बता दें कि साहा ने फिलहाल अकेले ही शपथ ली है। माना जा रहा है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री को अचानक बदलने से प्रदेश के विधायकों और पार्टी नेताओं में कई तरह के मतभेद उभरकर सामने आए है। इस कारण से फिलहाल मंत्रिमंडल की अंतिम सूची तैयार नहीं हो पाई है।
शपथग्रहण से कई विधायक रहे दूर
उधर, दूसरी तरफ, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देव के मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा और राम प्रसाद पॉल सहित तीन पूर्व मंत्री तथा कई विधायक शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहे। विप्लव देव हालांकि रतन लाल नाथ और आईपीएफटी नेता एवं पूर्व आदिवासी कल्याण मंत्री मेवार कुमार जमातिया तथा कुछ अन्य विधायकों और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे।
सीएम बनने के बाद साहा ने कही ये बात
आपको बता दें कि सीएम बनने के बाद माणिक साहा ने कहा, ”हम पीएम मोदी और बीजेपी के विकास के मुद्दे को लेकर आगे बढ़ेंगे। हम त्रिपुरा के लोगों के मुद्दों को हल करने के साथ-साथ राज्य में कानून-व्यवस्था को भी बढ़ाएंगे। हमारे लिए कोई राजनीतिक चुनौती नहीं है।”
कुछ ऐसा सफर रहा है माणिक साहा का, जानें
आपको बता दें कि साहा कांग्रेस छोड़कर 2016 में भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा में आने के बाद माणिक को चार साल बाद 2020 में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बनाया गया। वह त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी बने। साहा को हाल ही में राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया था और अब उन्हें नए सीएम के रूप में घोषित किया गया है।
कांग्रेस छोड़ने के बाद बदली किस्मत?
माणिक साहा पेशे से डेंटिस्ट हैं और उनकी छवि बेहद साफ-सुथरी मानी जाती है। माणिक को भाजपा में किसी खेमे का नहीं माना जाता है।माणिक साहा त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। मुख्यधारा की राजनीति में आने से पहले वह हापनिया स्थित त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में पढ़ाया करते थे। साहा 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्हें 2020 में पार्टी प्रमुख बनाया गया और इस साल मार्च में राज्यसभा के लिए चुने गए। साहा ने खुद को मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद कहा कि मैं पार्टी का एक आम कार्यकर्ता हूं और आगे भी रहूंगा।
गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को भाजपा आलाकमान के निर्देश पर और विधायक दल की बैठक में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद माणिक साहा की प्रदेश के नए मुखिया के तौर पर नियुक्ति की गई थी। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले त्रिपुरा में यह बड़ा फेरबदल माना जा रहा है।