गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में कहा कि पार्टी नेतृत्व को “भारत जोड़ो” यात्रा निकालने से पहले ‘‘कांग्रेस जोड़ो’’ की कवायद करनी चाहिए थी। जहां कांग्रेस का एक खेमा आजाद के इस पक्ष की निंदा कर रहा है, वहीं एक खेमा समर्थन में नजर आ रहा है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आजाद के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज्बाती, खुद्दार लोग होते हैं। पिछले 1000 साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ने की रही है। किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि दो वर्ष पहले हम 23 लोगों ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बताया था कि कांग्रेस की परिस्थिति चिंताजनक है जिसपर विचार करने की ज़रूरत है… कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है। अगर किसी को कुछ मिला वह ख़ैरात में नहीं मिला है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा कांग्रेस आलाकमान पर लगाए गए आरोप को बताया अनुचित
गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया तथा नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर ‘धोखा’ करने का आरोप लगाया। आजाद के इस्तीफे को, पहले से ही समस्याओं का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी पर एक और आघात माना जा रहा है। पूर्व में कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं जिसमें कपिल सिब्बल, अश्विनी कुमार आदि शामिल हैं।