केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने सोमवार को दावा किया कि सरकार ने पूर्वी लद्दाख में चल रही विघटन प्रक्रिया के बावजूद चीन की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजनाओं को मंजूरी देना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि अभी भी विघटन खत्म नहीं हुआ है और चीनियों के लिए रेड कार्पेट बिछाए जा रहे हैं।
मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा, "चीनी पैसों के सहारे आत्मनिर्भर भारत: डिसइंगेजमेंट अभी भी खत्म नहीं हुआ है और चीन के लिए रेड कार्पेट बिछाया जा रहा है। लगता है सौदा कहीं और हुआ है टिमोथे! 9 महीने के बाद, केंद्र ने चीन की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजनाओं को मंजूरी देना शुरू कर दिया है।" मनीष तिवारी ने इसके लिए एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट साझा की है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा था कि भारत और चीन के बीच 9 दौर की राजनयिक एवं सैन्य स्तर की वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों द्वारा सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया 'पूरी हो गई है।
उन्होंने भारतीय सैनिकों की बहादुरी पर 'संदेह जताने को लेकर कांग्रेस पर भी प्रहार किया। रक्षा मंत्री ने भारत-फ्रांस राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर विवाद पैदा करने को लेकर कांग्रेस और उसके सहयोगी दल द्रमुक की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) और अन्य ने इस सौदे को 'क्लिन चिट दी थी। इसने (क्लिन चिट ने) विपक्ष के आरोप ''चौकीदार चोर है, को झूठा साबित कर दिया।