पटना : कृषि विभाग की ओर से बामेती सभागार मेें विभिन्न राज्यों के कृषि यंत्र निर्माताओं के साथ सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार का उद्घाटन कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि यांत्रिकरण योजना में अत्याधुनिक कृषि यंत्रों को शामिल करने के उद्देश्य से कृषि यंत्र निर्माताओं से सुझाव प्राप्त किये गये, ताकि राज्य में अत्याधुनिक कृषि यंत्रों को कृषि यांत्रिकरण योजना में शामिल किया जा सके। कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने में कृषि यंत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
यंत्रों के उपयोग से मानव श्रम एवं समय की बचत होती है। प्रधानमंत्री जी के सपने 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने में आधुनिक तरीके से खेती के लिए फसल उत्पादन से लेकर फसल कटाई तथा कटाई उपरांत प्रसंस्करण में कृषि यंत्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है। राज्य में छोटे तथा मंझोले किसानों तथा उनके छोटे-छोटे खेतों मे कृषि यांत्रिकरण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2017-22 के कृषि रोड मैप में विशेष योजना का प्रावधान किया गया है।
इस कृषि रोड मैप में 2017-22 के लिए कृषि यांत्रिकरण कार्यक्रम हेतु कुल 1,351.54 करोड़ रुपये व्यय का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कुल 180 करोड़ रुपये किसानों को कृषि यंत्र के खरीद पर अनुदान के रूप में दिया जा रहा है। कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत् कुल 71 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है।
हम चाहते हैं कि किसानों की आवश्यकता के अनुसार अधिकांश कृषि यंत्र राज्य के अंदर ही निर्मित हो, इसके लिए कृषि यंत्र निर्माताओं से सहयोग अपेक्षित है। सरकार भी कृषि यंत्र निर्माताओं को सभी प्रकार के समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करेगी। राज्य की जलवायु पारिस्थितकी के अनुसार कृषि यंत्रों को राज्य के अंदर ही निर्मित करने के लिए इच्छुक सभी उद्यमियों/यंत्र निर्माताओं को विभाग के तरफ से हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। विशेषकर वैसे निर्माता, जिनको भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक मापदण्ड में अनुज्ञप्ति नहीं प्राप्त होता है,
उनको राज्य में स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज /आईआईटी/ दोनों कृषि विश्वविद्यालयों के साथ संबद्ध कर उनके यंत्रों की गुणवत्ता की जांच कराकर इन संस्थानों के अनुशंसा के आधार पर सभी प्रकार के अनुदान सुलभ कराये जायेंगे। प्रधान सचिव, कृषि सुधीर कुमार ने बिहार राज्य के लिए उपयुक्त कृषि यंत्रों के बारे में यंत्र निर्माताओं से विस्तृत चर्चा की।
साथ ही, उन्होंने यंत्र निर्माता कम्पनियों के प्रस्तुतीकरण में राज्य के रकबा के आकार के अनुसार यंत्रों में मोडिफिकेशन करने का अनुरोध किया। इस कार्यक्रम में कृषि निदेशक श्री हिमांशु कुमार राय, बामेती श्री गणेश राम, संयुक्त निदेशक, पटना प्रमण्डल, संयुक्त निदेशक (अभियंत्रण), श्री आर. के. वर्मा, बिहार एवं राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, यूपी, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, उतराखंड, तमिलनाडू आदि राज्यों के लगभग 100 कृषि यंत्र निर्मातागण, कृषि विभाग के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
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