शहीद दिवस के मौक पर हम देश के लिए अपनी जान गवांने वाले शहीदों को याद करते हैं। साथ ही इस मौके पर हम उन महापुरुषों को भी याद करते हैं जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपना बलिदान दिया। हम हर साल अलग-अलग दिन पर शहीद दिवस मनाते हैं। इन्हीं में से एक दिन 30 जनवरी भी है। इस दिन वर्ष 1948 में नाथुराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी।
तो चलिए जानते है बापू के बारे में …
आपको बता दे कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को बापू जी के नाम से भी जाना जाता है। 2 अक्टूबर 1869 को जन्में महात्मा गांधी का असली नाम मोहनदास करम चंद्र गांधी था। इनकी माता का नाम पुतलीबाई व पिता का करमचन्द गांधी था। 1881 राजकोट हाईस्कूल में पढाई करने वाले गांधी जी का विवाह दो साल बाद ही कस्तूरबाई से हो गया था।
13 साल की उम्र में शादी होने के बाद भी गांधी ने अपनी पढ़ाई को गम्भीरता से लिया। वह पढाई के लिए इंग्लैंड तक गए थे। गांधी जी को राजनीतिक और सामाजिक प्रगति की प्राप्ति हुई। महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी के चार बेटे हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास थे। महात्मा गांधी जी को बेटियों से अगाध लगाव था। वह उन्हें समाज के लिए बहुत कीमती समझते थे।
कहते हैं कि बापू जी को बेटी न होने का अफसोस भी रहा। वर्तमान में अपने देश में भ्रूणहत्या को रोकने और बेटियों की सुरक्षा के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं चलाकर आज बेटियों को बचाने की कोशिश करनी पड़ रही है। सोचिए आज अगर आज बापू जी जीवित होते तो उन्हें कितना दुख होता।
कैसे की थी हत्या
इस दिन यानि 30 जनवरी 1948 की शाम को नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में बापू की गोली मारकर हत्या की गयी थी। वे यहां रोज शाम को प्रार्थना किया करते थे। 30 जनवरी 1948 की शाम को जब वे संध्याकालीन प्रार्थना के लिए जा रहे थे तभी नाथूराम गोडसे ने पहले उनके पैर छूने के बहाने से नीचे झुका और फिर सामने से उन पर बैरेटा पिस्तौल से तीन गोलियां दाग दी थीं।
उस समय गान्धी अपने अनुचरों से घिरे हुए थे। गोडसे ने बापू की हत्या प्रार्थना सभा में शामिल होने से पहले ही कर दी थी। हत्या के बाद गोडसे को गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया गया जिसमें 8 नवंबर 1949 को उनका परीक्षण पंजाब उच्च न्यायालय, शिमला में किया गया था और फिर 15 नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे को अंबाला जेल में फांसी दे दी गई थी।
बापू को दी जाती है इस दिन श्रद्धांजलि
बता दे कि इस दिन हम हर की तरह साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी को याद करते हैं। इस मौके पर विशेष श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया जाता है।हर साल इस दिन राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।
साथ ही सेना के जवान इस मौके पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सम्मान में अपने हथियार को नीचे छुकाते हैं। इस मौके पर पूरे देश में महात्मा गांधी समेत अन्य शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा जाता है। इस दौरान विशेष तौर पर सभी धर्म के लोग प्रार्थना का भी आयोजन कराते हैं।
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