बीते 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवानों की शहादत पर देश भर में गम का माहौल है और हर नागरिक पाकिस्तान से इस घटना का बदला लेना चाहता है। शहीद सीआरपीएफ जवानों में राजस्थान के भी पांच जवान थे जिनके पार्थिव शरीर उनके घर पहुँच रहे है।
आतंकी हमले में शहीद हुए जवान नारायण लाल गुर्जर के गांव में लोग दुःख में डूबे हुए है और उनके परिवार को सांत्वना देने में लगे है। शहीद नारायण लाल गुर्जर राजसमंद जिले के बिनोल गांव के रहने वाले थे और पूरे गाँव में उनकी बहादुरी के किस्से मशहूर है।
नारायण लाल गुर्जर एक हफ्ते की छुट्टी पर घर आये हुए थे और मंगलवार को ही वापस ड्यूटी के लिए रवाना हुए थे। जैसे ही उनकइ शहीद होने की खबर उनके परिवार को मिली हर कोई आंसुओं में डूब गया है।
शहीद नारायण लाल के परिवार उनकी पत्नी मोहनी देवी (36) के अलावा पुत्री हेमलता (17) और पुत्र मुकेश (11) हैं जो अब तक इस बात को कबूल नहीं कर पा रहे है की उनके पिता को वो अब अंतिम बार ही देख पाएंगे। शहीद नारायण लाल के माता पिटा का देहांत हो चुका है।
7वीं कक्षा में पढने वाले शहीद नारायण लाल के पुत्र मुकेश अपनी पिता की मौत पर गमजदा है और उन का कहना है की वो भी बड़े होकर सेना में भर्ती होना चाहते है और आतंकवादियों से अपने पिता की मौत का बदला लेंगे।
शहीद के परिजनों का कहना है की आतंकियों को चुन चुनकर मौत के घाट उतारना कहिये और पाकिस्तान से भी बदला लेना चाहिए। शहीद नारायण लाल का गाँव आज उनके परिवार के साथ खडा है, उनके घर के बाहर लोगों की भीड़ बताती है की वो इस गाँव को कितने प्यारे थे।
हर ग्रामीण आज शीद के निधन पर दुखी और राजस्थान सरकार ने भी शहीद के परिजनों की हर संभव सहायता करने का भरोसा दिलाया है। राजस्थान सरकार ने पुलवामा में शहीद हुए राज्य के जवान की पत्नी को 25 लाख रूपए नकद व एक एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।