बीते दिनों केंद्र सरकार ने इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर बैन लगाने का फैसला लिया जिसके बाद विपक्षी पार्टियां इसे तुष्टिकरण की राजनीति बताकर सत्ता पक्ष पर लगातार हमले कर रही है। अब बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार पर ताजा हमला बोला है। बसपा सुप्रीमो का कहना है कि पीएफआई पर प्रतिबन्ध राजनीतिक स्वार्थ और संघ तुष्टीकरण से प्रेरित है।
RSS पर भी बैन लगाना चाहिए - मायावती
मायावती ने कई विपक्षी नेताओं की तरह आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर भी प्रतिबन्ध लगाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि इस प्रतिबन्ध के पीछे केंद्र सरकार सत्ता पक्ष बेचैनी ज्यादा है। तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा जिस तरह केंद्र सरकार को पीएफआई देश के लिए खतरा लगती है तो उसके जैसी अन्य संस्थाओं पर भी बैन लगाना चाहिए जिनमे से एक आरएसएस भी है।
बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को ट़्वीट करते हुए कहा अब विधानसभा चुनावों से पहले केन्द्र सरकार द्वारा देश भर में पुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद संगठन और उसके आठ सहयोगी संगठनों पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। आम जनता इसे राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित नीति मान रहे हैं और उनमें संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है।’’
केंद्र सरकार की नियत में खोट : मायावती
केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए मायावती ने एक और ट्वीट में कहा इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर इसलिए आक्रोशित है क्योंकि उन्हें केंद्र सरकार की नियत में खोट साफ़ नजर आ रहा है। देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताकर केंद्र ने जिस तरह पीएफआई को बैन किया है उसी तरह उस जैसी अन्य संगठनों पर भी प्रतिबंध क्यों नहीं लगना चाहिए?’’ ये मांग अब खुलेआम हो रही है और सरकार को इसपर कदम उठाने की जरुरत है।
बता दें , केंद्र सरकार ने बुधवार को पीएफआई का कनेक्शन वैश्विक आतंकवादी समूहों जैसे आईएसआईएस होने का हवाला देकर प्रतिबन्ध लगा दिया था और बताया गया था कि ये संगठन सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश कर रहा है जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा को गंभीर खतरा है। सरकार ने इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया सहित आठ सहयोगी संगठनों- रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को भी एपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत पांच साल के लिए बैन कर दिया है।