एलएसी तनाव को लेकर भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवाद जारी है। सीमा विवाद को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र पर हमलावर हैं। इस बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि बसपा को भरोसा है कि भारत सरकार देश की अपेक्षा के अनुरूप चीन को करारा जवाब देती रहेगी और बसपा, सरकार एवं सेना के साथ है।
चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर जारी संघर्ष, तनाव व तैनाती आदि को लेकर देश में उत्सुकता व चिन्ता स्वाभाविक है, जिसको लेकर सरकार ने संसद में कल बयान भी दिया है। बीएसपी को भरोसा है कि भारत सरकार देश की अपेक्षा के अनुरूप चीन को करारा जवाब देती रहेगी। बीएसपी सरकार व सेना के साथ।
— Mayawati (@Mayawati) September 16, 2020
मायवती ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर जारी संघर्ष, तनाव व तैनाती आदि को लेकर देश में उत्सुकता व चिन्ता स्वाभाविक है, जिसको लेकर सरकार ने संसद में कल बयान भी दिया है। बसपा को भरोसा है कि भारत सरकार देश की अपेक्षा के अनुरूप चीन को करारा जवाब देती रहेगी। बसपा, सरकार एवं सेना के साथ है।’’
बता दें कि भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के सीमा पर लंबे समय से चल रहे गतिरोध के समाधान के लिये पांच सूत्रीय योजना पर सहमत होने के बावजूद पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले बिंदुओं पर स्थिति में कुल मिलाकर कोई बदलाव नहीं है। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने यह भी कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिक अपनी-अपनी जगह पर मजबूती से कायम हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और चीनी सैनिकों की तरफ से कोई नई हलचल नहीं दिखी है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना अपनी चौकसी में कमी नहीं करेगी और जब तक जमीनी स्थिति में वास्तविक बदलाव नजर नहीं आता तब तक पूर्वी लद्दाख में बेहद उच्च स्तरीय युद्धक चौकसी की मौजूदा स्थिति बरकरार रखी जाएगी।
गौरतलब है कि भारत-चीन सीमा विवाद पर मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा अभी तक अनसुलझा है और ये एक जटिल समस्या है। दोनों देशों का नजरिया सीमा को लेकर अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को एलएसी का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा पर शांति का असर दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि लद्दाख के पूर्वी सीमा पर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश में 90,000 वर्ग किलोमीटर पर भी अपना दावा ठोंक रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि अप्रैल महीने से ही चीन ने सीमा पर गतिविधि बढ़ा दी। लेकिन भारत चीन की एकतरफा गतिविधि के खिलाफ है। 1993, 1996 में हुए समझौतों के मुताबिक, दोनों देश सीमा पर कम से कम सैन्य गतिविधि करेंगे।