प्रवासी मजदूरों के मुद्दों पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को प्रवासी श्रमिकों को लेकर एक बार फिर केन्द्र व राज्य सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकारें घर वापसी को लेकर मजबूर श्रमिकों को लेकर चिंतित नहीं है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों पर प्रवासी मजदूरों को अनदेखा करने का आरोप लगाया और कहा कि इस संबंध में अदालतों का जवाब तलब करना संतोष देता है।
2. देश में लाॅकडाउन के आज 65वें दिन यह थोड़ी राहत की खबर है कि माननीय न्यायलयों ने कोरोनावायरस की जाँच/इलाज में सरकारी अस्पतालों की बदहाली, निजी अस्पतालों की उपेक्षा व प्रवासी मजदूरों की बढ़ती दुर्दशा व मौतों के सम्बंध में केन्द्र व राज्य सरकारों से सवाल-जवाब शुरू कर दिया है। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) May 28, 2020
मायावती ने ट्वीट किया, “जिस प्रकार से लॉकडाउन से पीड़ित व घर वापसी को लेकर मजबूर प्रवासी श्रमिकों की बदहाली व रास्ते में उनकी मौत आदि के कड़वे सच मीडिया के माध्यम से देश-दुनिया के सामने है, वह पुन:स्थापित करते हैं कि केन्द्र व राज्य सरकारों को इनकी बिल्कुल भी चिन्ता नहीं है, यह अति-दु:खद है।”
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उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “देश में लॉकडाउन का आज 65वां दिन है और यह थोड़ी राहत की खबर है कि माननीय न्यायलयों ने कोरोनावायरस की जांच-इलाज में सरकारी अस्पतालों की बदहाली, निजी अस्पतालों की उपेक्षा व प्रवासी मजदूरों की बढ़ती दुर्दशा व मौतों के सम्बंध में केन्द्र व राज्य सरकारों से सवाल-जवाब करना शुरू कर दिया हैं।”
इससे पहले उन्होंने लिखा था कि केन्द्र व महाराष्ट्र सरकार के बीच विवाद के कारण लाखों प्रवासी श्रमिक अभी भी बहुत बुरी तरह से पिस रहे हैं जो अति-दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण है। जरूरी है कि आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर इन मजलूमों पर ध्यान दें ताकि कोरोना की चपेट में फंसकर इन लोगों की जिन्दगी पूरी तरह बर्बाद होने से बच सके।