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अन्नदाताओं पर मीनाक्षी लेखी का विवादित बयान, ‘वे किसान नहीं मवाली हैं’

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर विवादस्पद टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘मवाली’ बता दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन की आड़ में कुछ बिचौलियों की मदद की जा रही है।

संसद के मानसून सत्र के दौरान किसानों का आंदोलन जारी है। ऐसे में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के साथ बातचीत के जरिए समाधान पर ज़ोर दिया। वहीं केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर विवादस्पद टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘मवाली’ बता दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन की आड़ में कुछ बिचौलियों की मदद की जा रही है।
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बोलते हुए मिनाक्षी लेखी ने कहा, वे किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी। उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया। 

कड़ी सुरक्षा के बीच जंतर-मंतर पहुंचे अन्नदाता,काले कानूनों के खिलाफ लगाएंगे ‘किसान संसद’

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज फिर किसानों के साथ बातचीत वाले बात को दोहराते हुए कहा कहा कि सरकार आंदोलनकारी किसान संगठनों के साथ खुले मन से चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि किसान संगठनों को कृषि सुधार कानूनों के जिन प्रावधानों पर आपत्ति है उसे बतायें, सरकार उसका समाधान करेगी। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानूनों से किसानों की आय में वृद्धि होगी और व्यपारियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का सम्मान करती है और उन्हें हरसंभव सहायता उपलब्ध करा रही है। उल्लेखनीय है कि किसान संगठन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर पिछले सात माह से अधिक समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ है। किसान आज ही जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

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