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साढ़े सात घंटे तक चली किसानों और सरकार के बीच बैठक बेनतीजा, अब 5 दिसंबर को अगली वार्ता

दिल्ली के विज्ञान भवन में आज दोपहर 12 बजे शुरू हुई किसान यूनियन के साथ भारत सरकार के चौथे चरण की चर्चा पूरी हुई और करीब साढ़े सात घंटे चली वार्ता बेनतीजा रही।

दिल्ली के विज्ञान भवन में आज दोपहर 12 बजे शुरू हुई किसान यूनियन के साथ भारत सरकार के चौथे चरण की चर्चा पूरी हुई और करीब साढ़े सात घंटे चली वार्ता बेनतीजा रही। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के साथ वार्ता के बाद कहा, ‘आज बैठक का चौथा चरण समाप्त हुआ है। परसों (5 दिसंबर) दोपहर में 2 बजे यूनियन के साथ सरकार की मुलाकात फिर होगी और हम किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचेंगे।’ 
किसान यूनियन से मुलाकात के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा  किसान यूनियन ने अपना पक्ष रखा और सरकार ने अपना पक्ष रखा। आज बहुत अच्छे वातावरण में चर्चा हुई है। किसानों ने बहुत सही से अपने विषयों को रखा है। जो बिंदु निकले हैं उन पर हम सब लोगों की लगभग सहमति बनी है, परसों बैठेंगे तो इस बात को और आगे बढ़ाएंगे। 
नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा किसान यूनियन और किसानों की चिंता है कि नए एक्ट से APMC ख़त्म हो जाएगी। भारत सरकार इस बात पर विचार करेगी कि APMC सशक्त हो और APMC का उपयोग और बढ़े। किसान यूनियन की पराली के विषय में एक अध्यादेश पर शंका है, विद्युत एक्ट पर भी उनकी शंका है। इसपर भी सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है। 
केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के बाद आज़ाद किसान संघर्ष समिति के नेता हरजिंदर सिंह टाडा ने कहा सरकार मानती है कि MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) रहेगी। बात आगे बढ़ी है। हम लोगों ने कहा कि तीनों कानून वापिस लो। उसके बाद MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गारंटी दी जाए। 
सरकार के साथ बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा सरकार ने MSP पर संकेत दिए हैं। सरकार बिलों में संशोधन चाहती है। आज बात कुछ आगे बढ़ी है। इससे पहले किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक में तीनों कानून वापस लेने की मांग लिखित में की है। 
इसके अलावा किसानों ने पराली जलाने पर केस वाले प्रावधान भी खत्म करने की मांग की है। किसान संगठनों ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट एक्ट 2020 जो आने वाला है उसको लेकर भी लिखित में आपत्ति जताई। किसानों ने कहा कि सरकार एमएसपी पर लिखित आश्वासन क्यों नहीं देती? 

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