वित्त आयोग ने कहा है कि घरेलू सकल उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े में उतार-चढ़व वैश्विक स्तर पर हो रही उथल-पुथल के कारण है और मध्यम अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था अपने मजबूत आधारों के बल पर बढ़त में रहेगी। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को यहां बताया कि वित्त आयोग और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की देर शाम भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और इसके मुख्य आधारों को लेकर बैठक की गयी।
इसमें वित्त आयोग के अध्यक्ष अजय नारायण झा, सदस्य अनूप सिंह तथा वित्त मंत्रालय के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय, व्यय सचिव गिरीश चंद, मुर्म, मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सु्ब्रमण्यम, सीबीडीटी प्रमुख पी. सी. मोडी और सीबीआईसी प्रमुख पी के दास हिस्सा लिया। बैठक में वित्त मंत्रालय एवं वित्त आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक के दौरान आयोग का मानना था कि भारतीय अर्थव्यवस्था के आधार मजबूत बने हुए हैं और वैश्विक उथल-पुथल के कारण जीडीपी के आंकड़ में उतार-चढ़व देखा जा रहा है। मध्यम अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ विकास की ओर अग्रसर रहेगी। प्रत्यक्ष कर संग्रहण की स्थिति सुदृढ़ है लेकिन अप्रत्यक्ष कर में उतार-चढ़व बना हुआ है।
व्यय के मुद्दे पर बैठक में कहा गया है कि केंद, सरकार की योजनाओं में खर्च को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। पिछले कुछ महीने से वित्त आयोग उदय योजना और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद राज्यों की वित्तीय स्थिति को लेकर वित्त मंत्रालय के साथ लगातार चर्चा करता रहा है।
बैठक के दौरान वित्त मंत्रालय ने पिछले पांच साल में विकास, निवेश, औद्योगिक उत्पादन, बैंकिंग एवं भुगतान, मुद्रास्फीति एवं मौद्रिक नीति, बाहरी स्थिति और मध्यावधि अवधि अनुमान पर चर्चा की गयी। इसके अलावा वस्तु एवं सेवा कर, स्थानीय संस्थाओं को दिया जाना वाला अनुदान और जनसंख्या पर भी विचार-विमर्श किया गया।