भारत व चीन की सीमा पर भारतीय सेना के जवानों ने मानसिक रूप से अस्वस्थ्य एक व्यक्ति को पकड़ा है। युवक बिहार का बताया जा रहा है। जिसे सेना ने पुलिस को सुपुर्द कर दिया है।
युवक के परिजन ने पुलिस को बताया है कि वह मानसिक रूप से बीमार है और पिछले 10 महीनों से लापता था। उन्होंने यह भी बताया कि परिवार में किसी को बताए बिना चले जाना और लंबे अंतराल के बाद लौट आना उसकी आदत में शुमार है। पकड़े गए व्यक्ति को सोमवार को यहां की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया है जिसने जिला अस्पताल को एक बोर्ड गठित कर उसके मानसिक स्वास्थ्य की जांच करने को कहा है।
सीमा सुरक्षा पर खड़ा होता है सवाल
सीमा पर निश्चित क्षेत्र तक ही किसी को जाने की अनुमति दी जाती है और अग्रिम चौकी सोनम तक जाने की अनुमति केवल सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क के अधिकारियों तथा प्रशासन को ही है। ऐसे में सीमा के अति संवेदनशील क्षेत्र तक बिना अनुमति के पहुंचना सीमा की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है।
नेलांग व जादुंग से आगे नहीं होती जाने की अनुमति
उत्तरकाशी सीमांत जिला है और यहां गंगोत्री राजमार्ग पर भैरवघाटी से आगे नेलांग की ओर जाने के लिए प्रशासन से इनर लाइन परमिट लेना पड़ता है। भटवाड़ी के उपजिलाधिकारी सीएस चौहान ने बताया कि प्रशासन केवल नेलांग व जादुंग तक के लिए ही परमिट जारी करता है और इससे आगे जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।