राज्यसभा में शुक्रवार को एक सदस्य ने जब छत्तीसगढ़ की सरकार पर नक्सल समस्या के प्रति गंभीर न होने का आरोप लगाया तो उन्हें टोकते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में अपनी बात रखते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि आपसी झगड़े का संदेश कतई न जाए।
सभापति ने यह भी कहा कि आरोप लगाने के बजाय मुद्दे के समाधान पर जोर दिया जाना चाहिए। शून्यकाल के दौरान बीजेपी के रामविचार नेताम ने छत्तीसगढ़ में बढ़ती नक्सली हिंसा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग हर दिन नक्सली हिंसा हो रही है। हाल ही में विधायक भीमा मंडावी तथा तीन अन्य लोगों की हत्या की घटना बताती है कि नक्सली कितने बेखौफ हो कर हिंसा फैला रहे हैं।
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नेताम ने राज्य सरकार पर नक्सल समस्या के प्रति गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाया जिस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा ‘‘सदन में अपनी बात रखते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि आपसी झगड़े का संदेश कतई न जाए।’’ सभापति ने यह भी कहा कि सदन की कार्रवाई का सीधा प्रसारण किया जाता है और लोग देखते हैं। नायडू ने कहा कि आरोप लगाने के बजाय मुद्दे के समाधान पर जोर दिया जाना चाहिए।
इस पर नेताम ने बोले कि वह यह कहना चाहते हैं कि राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद राज्य में नक्सली हिंसा पर लगाम नहीं लग पा रही है। गौरतलब है कि पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल कर कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल किया और अपनी सरकार बनाई थी।