रायपुर : छत्तीसगढ़ में बीते पांच सालों में धान संग्रहण केन्द्रों में 6 लाख 25 हजार 970 मीट्रिक टन धान का शार्टेज हो गया। राज्य सरकार ने दावा किया कि संग्रहण केन्द्रों में लंबे समय तक धान के भंडारित होने के साथ गोदामों की कमी, एफसीआई में निर्धारित समय पर धान के मूवमेंट नहीं होने के साथ प्राकृतिक कारणों से क्षति हुई है।
विधानसभा में विपक्ष के सदस्य भूपेश बघेल के एक अतारांकित सवाल के लिखित जवाब में खाद्य मंत्री पुन्नलाल मोहिले ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि धान के शार्टेज और संग्रहण केन्द्रों में कमी के मामले में दोषी पाए गए कर्मचारियों से वसूली की कार्रवाई चल रही है। एक अन्य अतारांकित सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि धान उपार्जन मामले में केन्द्र सरकार के नीति निर्देशों के तहत धान भंडारण, सुरक्षा व्यय, प्रासंगिक व्यय के साथ कमीशन की राशि भी निर्धारित की गई है।
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को इसका लाभ दिया जा रहा है। इसके अलावा पैक्स को देय कमीशन समेत कटौतियों और समायोजनों के वास्तविक भुगतान के मामले में 20244 लाख रूपए दिया गया है। इधर स्वास्थ्य विभाग के सवालों पर विभागीय मंत्री अजय चंद्राकर ने एक अतारांकित सवाल के लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में वर्तमान में 20 डायलिसिस मशीनें उपलब्ध हैं। जबकि 92 डायलिसिस मशीनों की जरूरत है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य के कुछ शासकीय अस्पतालों में आउटसोर्सिंग के जरिए और कुछ अस्पतालों में निजी क्षेत्रों की मदद से डायलिसिस मशीनें उपलब्ध कराने की योजना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में डाक्टरों, विशेषज्ञों समेत पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति के मामले में सीधी भर्ती पर प्रतिबंध है। इसलिए नियुक्तियों के लिए वित्त विभाग से अनुमति की प्रक्रिया चल रही है। नेता प्रतिपक्ष के एक अतारांकित सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 9 मेडिकल कालेज हैं। इनमें अंबिकापुर के मेडिकल कालेज एवं रायपुर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल साइंस को इस साल जीरो ईयर घोषित किया गया है।
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