भारत की सुरक्षा के लिए सैनिकों पर ज्यादा बजट व्यय करना चाहिए क्योंकि देश की सुरक्षा को ही सर्वोंत्तम महत्व दिया जाता हैं। इसी को लेकर देश की सीमाओं को भी देख रेख की ज्यादा आवश्यकता होती हैं। इसी मुद्दे पर रक्षा मंत्री अजय भट्ट ने शुक्रवार को औपचारिक तौर से स्पष्ट किया है कि हमारी सरकार रक्षा को ही ज्यादा महत्व दे रही हैं। इसी को लेकर ही बजट में इस बार रक्षा के व्यय पर अधिक ध्यान दिया गया हैं। और देश की सीमाएं चाक चौकंबद हो सके ।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान
श्री भट्ट ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक सवाल के जवाब में कहा कि यह कहना उचित नहीं है कि रक्षा का ट्रेंड उत्साहजनक नहीं है। सुरक्षा की गंभीरता को देखते हुए अभी सबसे ज्यादा बजट रक्षा मंत्रालय का ही है। 2013-14 में रक्षा बजट 2.53 लाख करोड़ रुपए था, आज 5.25 लाख करोड़ हो गया है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट(सिपरी) हमको सर्टिफिकरेट दे रही है कि भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है जो रक्षा बजट में खर्च करता है।
2020 के बीच रक्षा मंत्रालय में 76 प्रतिशत बजट बढ़ाया
जानकारी के मुताबिक, उन्होंने कहा,‘‘ भारत ने 2010- 2020 के बीच रक्षा मंत्रालय में 76 प्रतिशत बजट बढ़ाया जबकि पूरी दुनिया ने इस दौरान केवल नौ प्रतिशत बजट बढ़या था। भारत एक्सपोर्ट करने वाले देशों में पहली बार 25वें नंबर पर खड़ हुआ है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी के नेतृत्व में सेना का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। दुनिया हमारा लोहा मानती है। दुनिया में कहीं भी कुछ होता है तो लोग हमारे प्रधानमंत्री की तरफ़ देखते हैं।’’
डिफेंस एक्सपेंडिचर 2000 में कारगिल रिव्यू कमेटी बनाई गई थी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक अन्य अनूपूरक सवाल के जवाब में कहा,‘‘ डिफेंस एक्सपेंडिचर को लेकर 2000 में कारगिल रिव्यू कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने रिपोर्ट दी थी कि डिफेंस के लिए जीडीपी के लिए किसी तय प्रतिशत के आवंटन की त्ररूरत नहीं है। कमेटी ने अपने रिपोर्ट में यह भी कहा कि हमें यह देखना चाहिए कि डिफेंस पर खर्च किए गए हर रुपए पर हमें मैक्सिमम वैल्यू मिले, इसके लिए हमें अपने खर्च को प्रायरटाइत्र करना होगा, अपनी फोर्स को रीस्ट्रक्चर करना होगा और डिफेंस प्रोडक्शन में एफिशेंसी लानी होगी। इस अनुशंसा के आधार पर ही रक्षा मंत्रालय काम कर रहा है।’’
जानकारी के मुताबिक, उन्होंने कहा,‘‘ भारत ने 2010- 2020 के बीच रक्षा मंत्रालय में 76 प्रतिशत बजट बढ़ाया जबकि पूरी दुनिया ने इस दौरान केवल नौ प्रतिशत बजट बढ़या था। भारत एक्सपोर्ट करने वाले देशों में पहली बार 25वें नंबर पर खड़ हुआ है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी के नेतृत्व में सेना का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। दुनिया हमारा लोहा मानती है। दुनिया में कहीं भी कुछ होता है तो लोग हमारे प्रधानमंत्री की तरफ़ देखते हैं।’’
डिफेंस एक्सपेंडिचर 2000 में कारगिल रिव्यू कमेटी बनाई गई थी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक अन्य अनूपूरक सवाल के जवाब में कहा,‘‘ डिफेंस एक्सपेंडिचर को लेकर 2000 में कारगिल रिव्यू कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने रिपोर्ट दी थी कि डिफेंस के लिए जीडीपी के लिए किसी तय प्रतिशत के आवंटन की त्ररूरत नहीं है। कमेटी ने अपने रिपोर्ट में यह भी कहा कि हमें यह देखना चाहिए कि डिफेंस पर खर्च किए गए हर रुपए पर हमें मैक्सिमम वैल्यू मिले, इसके लिए हमें अपने खर्च को प्रायरटाइत्र करना होगा, अपनी फोर्स को रीस्ट्रक्चर करना होगा और डिफेंस प्रोडक्शन में एफिशेंसी लानी होगी। इस अनुशंसा के आधार पर ही रक्षा मंत्रालय काम कर रहा है।’’